Edited By jyoti choudhary,Updated: 13 Feb, 2022 08:37 AM
सरकार ने शनिवार को कच्चे पाम तेल के प्रभावी सीमा शुल्क को घटाकर 5.5 प्रतिशत कर दिया। इस कदम से खाद्य तेलों की कीमतों को कम करने और उपभोक्ताओं को राहत देने में मदद मिलेगी। एक आधिकारिक अधिसूचना में शनिवार को कहा गया कि कच्चे पाम तेल पर अब पांच प्रतिशत...
बिजनेस डेस्कः सरकार ने शनिवार को कच्चे पाम तेल के प्रभावी सीमा शुल्क को घटाकर 5.5 प्रतिशत कर दिया। इस कदम से खाद्य तेलों की कीमतों को कम करने और उपभोक्ताओं को राहत देने में मदद मिलेगी। एक आधिकारिक अधिसूचना में शनिवार को कहा गया कि कच्चे पाम तेल पर अब पांच प्रतिशत का कृषि अवसंरचना विकास उपकर लगेगा, जो अबतक 7.5 प्रतिशत था। इस कटौती के बाद कच्चे पाम तेल पर प्रभावी सीमा शुल्क 8.25 प्रतिशत की जगह 5.5 प्रतिशत रह जाएगा।
कारोबारियों ने बताया कि इस कटौती से कीमतों में प्रति क्विंटल 280 रुपए की कमी आ सकती है। सरकार ने इससे पहले अक्टूबर 2021 में भी खाद्य तेल के आयात शुल्क में कटौती की थी।
भारत अपनी 60 प्रतिशत से अधिक खाद्य तेल जरूरतों को आयात के माध्यम से पूरा करता है। इंडोनेशिया और मलेशिया भारत को आरबीडी पामोलिन और कच्चे पाम तेल के प्रमुख आपूर्तिकर्ता हैं।