Edited By jyoti choudhary,Updated: 19 Dec, 2018 11:36 AM
सरकार ने मंगलवार को इस बात से स्पष्ट तौर पर इनकार किया है कि चलन से बाहर हो चुके और जनता के पास बचे 500 और 1000 रुपए के नोटों को वापस लेने पर विचार कर रही है। वित्त राज्य मंत्री पी राधाकृष्णन ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी।
बिजनेस डेस्कः सरकार ने मंगलवार को इस बात से स्पष्ट तौर पर इनकार किया है कि चलन से बाहर हो चुके और जनता के पास बचे 500 और 1000 रुपए के नोटों को वापस लेने पर विचार कर रही है। वित्त राज्य मंत्री पी राधाकृष्णन ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी।
पी. राधाकृष्णन ने इस मुद्दे पर कोई भी ठोस टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। विश्वंभर प्रसाद निषाद, सुखराम सिंह यादव और छाया वर्मा ने सवाल किया था कि क्या यह सच है कि नोटबंदी की समय-सीमा के बाद भी लोगों के पास चलन से बाहर हो गए नोट पड़े हैं और उसका प्रयोग नहीं होने से लोग हतोत्साहित हैं। इसके जवाब में राधाकृष्णन ने कहा कि इस मुद्दे पर कोई निश्चित टिप्पणी करना कठिन है। हालांकि विनिर्दिष्ट बैंक नोटों की अदला-बदली के लिए हमें कुछ अनुरोध प्राप्त हुए हैं। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर 2016 को टीवी के माध्यम से किए गए राष्ट्र के नाम संबोधन में 500 एवं 1000 रुपए के नोटों को चलन से बाहर कर दिया था। नागरिकों को एक समयसीमा दी गई थी, जिसमें वह बैंकों में इन नोटों को जमा करवा कर नए नोट ले सकते थे।
नए नोटों की की खराब गुणवत्ता से किया इंकार
सरकार ने इस बात से भी इनकार किया है कि नोटबंदी के बाद छापे गए 2000 और 500 रुपए के नए नोट दो साल के अंदर ही कागजों की खराब गुणवत्ता के कारण अनुपयोगी हो गए। सरकार ने इस बात से भी इनकार किया कि एटीएम के सेंसर इन नोटों की पहचान नहीं कर पाते हैं।
वित्त राज्य मंत्री पी राधाकृष्णन ने रवि प्रकाश वर्मा और नीरज शेखर के सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नए बैंक नोटों का सामान्य जीवनकाल होने की उम्मीद की जाती है क्योंकि 2016 श्रृंखला के बैंक नोटों के लिए प्रयोग की गईं मशीनें, विनिर्माण प्रक्रिया तथा कच्चा माल, सुरक्षा विशेषताएं आदि वहीं हैं, जो पिछली श्रृंखलाओं में प्रयोग की गई थीं। कच्चा माल के तहत कागज, स्याही आदि आते हैं। उन्होंने कहा कि नए नोटों के डिजाइन के कुछ तत्व बदले गए हैं। उन्होंने कहा कि एटीएम द्वारा नए नोटों की पहचान नहीं करने का सवाल ही नहीं उठता।