सरकार ने उर्वरक निर्यात के नियमों में ढील दी

Edited By jyoti choudhary,Updated: 08 Jan, 2019 11:24 AM

government relaxed the rules of export of fertilizer

सरकार ने सोमवार को यूरिया, पोटाशिक और फॉस्फेट सहित उर्वरकों के निर्यात के नियमों को उदार कर दिया है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की अधिसूचना में कहा गया है कि उर्वरकों की निर्यात नीति में संशोधन किया गया है।

नई दिल्लीः सरकार ने सोमवार को यूरिया, पोटाशिक और फॉस्फेट सहित उर्वरकों के निर्यात के नियमों को उदार कर दिया है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की अधिसूचना में कहा गया है कि उर्वरकों की निर्यात नीति में संशोधन किया गया है। ‘अंकुश’ वाली श्रेणी के उत्पादों को ‘मुक्त’ श्रेणी में डाल दिया गया है। इसमें कहा गया है कि इन निर्यात के लिए विनिर्माताओ-निर्यातकों को उर्वरक विभाग से पहले अनुमति या अनापत्ति प्रमाणपत्र लेना होगा।

भारत हालांकि, इन उर्वरकों फॉस्फेटिक और पोटाशिक और यूरिया का शुद्ध आयातक है। यूरिया सांविधिक मूल्य नियंत्रण के तहत एकमात्र उर्वरक है। सीधे कृषि में इस्तेमाल के लिए इसका आयात सार्वजनिक क्षेत्र के व्यापार उपक्रमों (एसटीई) एमएमटीसी, एसटीसी के जरिए सरकार की विदेश व्यापार नीति के तहत किया जा सकता है।

आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष में नवंबर माह तक भारत ने 104.85 करोड़ डॉलर के 42.03 लाख टन यूरिया का आयात किया है। वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान यूरिया का आयात 59.75 लाख टन रहा था। मूल्य के हिसाब से यह 129.57 करोड़ डॉलर रहा था। वर्ष 2016- 17 में 54.81 लाख टन यूरिया का 104.72 करोड़ डॉलर में आयात किया गया। इसी प्रकार 2017- 18 में देश में डीएपी का 42.17 लाख टन आयात किया गया। एनपीके का 4.99 लाख टन और एओपी का 47.36 लाख टन आयात किया गया। 

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