Edited By jyoti choudhary,Updated: 15 Sep, 2019 06:41 PM
केंद्र सरकार के प्रयासों के बाद भी कोयला क्षेत्र के श्रमिक संगठनों की 24 सितंबर से प्रस्तावित हड़ताल के टलने के आसार कम हैं। एक मजदूर नेता ने यह जानकारी दी। मजदूर नेता ने यह भी कहा कि हड़ताल के कारण कोयला उत्पादन निर्बाध रह सके, इसकी संभावना भी कम...
कोलकाताः केंद्र सरकार के प्रयासों के बाद भी कोयला क्षेत्र के श्रमिक संगठनों की 24 सितंबर से प्रस्तावित हड़ताल के टलने के आसार कम हैं। एक मजदूर नेता ने यह जानकारी दी। मजदूर नेता ने यह भी कहा कि हड़ताल के कारण कोयला उत्पादन निर्बाध रह सके, इसकी संभावना भी कम है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने रविवार की शाम श्रमिक संगठनों के साथ बैठक बुलायी है। हड़ताल के कारणों पर भी इसमें चर्चा हो सकती है।
ऑल इंडिया कोल वर्कर्स फेडरेशन के महासचिव डी.डी़ रामानंदन ने कहा, ‘‘संयुक्त कोयला सचिव ने एक बैठक बुलाई है। हम बैठक में हिस्सा लेंगे लेकिन हम किसी भी सूरत में हड़ताल से पीछे नहीं हटेंगे क्योंकि सरकार निजीकरण के रास्ते पर आगे बढ़ रही है।'' कोयला क्षेत्र के पांच श्रमिक संगठनों ने कोयला उत्खनन में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के सरकार के निर्णय के विरोध में 24 सितंबर को हड़ताल का आह्वान किया है।
हालांकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़़ी यूनियन भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) पांच संगठनों की एक दिवसीय हड़ताल में शामिल नहीं है। बीएमएस ने इसी मुद्दे पर 23 सितंबर से 27 सितंबर तक हड़ताल का आह्वान किया है। बीएमएस के नेता बी.के.राय ने कहा कि वे केंद्र सरकार की बुलायी बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे क्योंकि उनका संगठन हड़ताल को लेकर गंभीर है। उन्होंने कहा कि बीएमएस 24 को भी हड़ताल करेगी पर यह देखेगी कि उसकी पांच दिन की हड़ताल में कौन शामिल होता है।