CAG रिपोर्ट पर सरकार का जवाब, GST सेस के कंसोलिडेटेड फंड का दूसरे कामों में नहीं किया इस्तेमाल

Edited By jyoti choudhary,Updated: 27 Sep, 2020 06:13 PM

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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद के मानसून सत्र के दौरान बताया था कि राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति के लिए कन्सॉलि​डेटेड फंड ऑफ इंडिया (CFI) से पैसे जारी करने का कोई कानूनी प्रावधान नहीं है। अब नियंत्रक व महालेखा परीक्षक

बिजनेस डेस्कः केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद के मानसून सत्र के दौरान बताया था कि राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति के लिए कन्सॉलि​डेटेड फंड ऑफ इंडिया (CFI) से पैसे जारी करने का कोई कानूनी प्रावधान नहीं है। अब नियंत्रक व महालेखा परीक्षक (CAG) ने कहा है कि खुद केंद्र सरकार ने इस नियम का उल्लंघन किया है। कैग का कहना है कि वित्त वर्ष 2017-18 और 2018-19 में केंद्र सरकार ने जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर का 47,272 करोड़ रुपए सीएफआई में रखा है। इस फंड को दूसरे काम में इस्तेमाल किया। इस पर केंद्र सरकार का कहना है कि जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर को देश के कंसोलिडेटेड फंड में रखना पैसे का दूसरे काम में इस्‍तेमाल करना नहीं है। 

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वित्‍त मंत्रालय का कहना है कि जीएसटी क्षतिपूर्ति सेस का अस्‍थायी तौर पर सीएफआई में बना रहना नियमों का उल्‍लंघन नहीं है। मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि इन दोनों साल में राज्‍यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति का पूरा भुगतान किया गया है। क्षतिपूर्ति के निपटान में लगने वाले समय को किसी भी तरह से जीएसटी सेस फंड का दूसरे काम में इस्‍तेमाल नहीं कहा जा सकता है। अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से इकट्ठा किए गए सभी टैक्‍स और सेस सबसे पहले सीएफआई में ही रखे जाते हैं। इसके बाद आम बजट में निर्धारित मद में खर्च के लिए रकम दूसरे फंड्स में ट्रांसफर की जाती है।

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अधिकारी ने कहा कि सरकार अपनी ओर से हरसंभव प्रयास करती है कि सीएफआई में इकट्ठी पूरी रकम हर वित्‍त वर्ष के अंत तक बजटीय प्रावधानों के तहत बनाए गए फंड्स में ट्रांसफर हो जाए। अधिकारी ने साफ किया, 'जीएसटी क्षतिपूर्ति अधिनियम के लिए जरूरी है कि सीएफआई में इकट्ठा उपकर को क्षतिपूर्ति निधि में ट्रांसफर किया जाए और राज्यों को मुआवजा जारी किया जाए।' उन्‍होंने बताया कि हर वित्‍त वर्ष के अंत में पता चलता है कि सीएफआई में इकट्ठा अंतिम रकम कितनी है। सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद जून 2021 में पता चलेगा कि कितना ज्‍यादा पैसा पैसा इकट्ठा हुआ। इसके बाद ये अतिरिक्‍त पैसा अस्‍थायी तौर पर सीएफआई में बना रहेगा। सीएफआई में पड़ी इस रकम को किसी भी कल्‍पना के आधार पर नियमों का उल्‍लंघन नहीं कहा जा सकता है।

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GST क्षतिपूर्ति उपकर कलेक्‍श में कम फंड हुआ क्रेडिट
कैग का कहना है कि वित्त वर्ष 2017-18 और 2018-19 में केंद्र सरकार ने जीएसटी क्षतिपूर्ति का 47,272 करोड़ रुपए सीएफआई में ही रखा है। इस फंड को दूसरे काम के लिए इस्तेमाल किया गया। इससे उस समय राजस्व प्राप्ति बढ़ी और राजकोषीय घाटा कम हुआ। स्टेटमेंट 8, 9 और 13 के ऑडिट परीक्षण की जानकारी से पता चलता है कि जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर कलेक्शन में कम फंड क्रेडिट हुआ। वित्त वर्ष 2017-18 और 2018-19 के लिए 47,272 करोड़ रुपये कम फंड क्रेडिट हुआ। यह जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर एक्ट 2017 के नियमों का उल्लंघन है। इस एक्ट के प्रावधानों के मुताबिक, किसी भी साल में जमा कुल उपकर कलेक्शन नॉन-लैप्सड फंड में क्रेडिट किया जाता है।

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