Edited By jyoti choudhary,Updated: 22 Apr, 2022 01:48 PM
निर्यात के लिए निजी कंपनियों द्वारा आक्रामक खरीद और घरेलू उत्पादन में मामूली गिरावट आने के अनुमान के बीच मौजूदा रबी विपणन वर्ष 2022-23 में सरकार की कुल गेहूं खरीद घटकर 2.7 करोड़ टन रह सकती है। सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
नई दिल्लीः निर्यात के लिए निजी कंपनियों द्वारा आक्रामक खरीद और घरेलू उत्पादन में मामूली गिरावट आने के अनुमान के बीच मौजूदा रबी विपणन वर्ष 2022-23 में सरकार की कुल गेहूं खरीद घटकर 2.7 करोड़ टन रह सकती है। सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी है। सूत्रों ने कहा, हालांकि, अधिशेष बफर स्टॉक की वजह से घरेलू उत्पादन में अपेक्षित गिरावट और सरकार की गेहूं खरीद में कमी का सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस), अन्य कल्याण योजनाओं (ओडब्ल्यूएस) और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत अनाज की आवश्यकता को प्रभावित नहीं करेगी।
सूत्रों ने कहा कि इससे घरेलू खुदरा कीमतों भी प्रभावित नहीं होंगी, जो मौजूदा रूस-यूक्रेन संकट के कारण वैश्विक मुद्रास्फीति के बावजूद काफी हद तक स्थिर बनी हुई है। सूत्रों ने कहा कि इसके अलावा फसल वर्ष 2021-22 (जुलाई-जून) में देश का गेहूं उत्पादन 10.5 करोड़ टन होने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष के 10 करोड़ 95.9 लाख टन के वास्तविक उत्पादन से कम है। गेहूं निर्यात के संदर्भ में, सूत्रों ने कहा कि रूस-यूक्रेन संकट के मद्देनजर भारतीय गेहूं की वैश्विक मांग में वृद्धि के बीच निजी व्यापारी किसानों से बड़े पैमाने पर गेहूं खरीद रहे हैं।