Edited By rajesh kumar,Updated: 15 Oct, 2020 02:23 PM
क्रय शक्ति समता (पीपीपी) के हिसाब से बीते साल यानी 2019 में भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) बांग्लादेश की तुलना में 11 गुना अधिक था। सरकारी सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
नई दिल्ली: क्रय शक्ति समता (पीपीपी) के हिसाब से बीते साल यानी 2019 में भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) बांग्लादेश की तुलना में 11 गुना अधिक था। सरकारी सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) का अनुमान है कि इस साल प्रति व्यक्ति जीडीपी के हिसाब से भारत पड़ोसी देश बांग्लादेश से भी पीछे चला जाएगा। सरकारी सूत्रों ने आईएमएफ के इस अनुमान को ज्यादा तरजीह नहीं देते हुए कहा कि 2019 में पीपीपी के लिहाज से भारत का जीडीपी बांग्लादेश से 11 गुना अधिक था।
मोदी सरकार के कार्यकाल में बढ़ी जीडीपी
इससे पहले दिन में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि भाजपा के ‘नफरत से भरे सांस्कृतिक राष्ट्रवाद’ की यह छह साल की एक ‘ठोस उपलब्धि’ है। प्रति व्यक्ति जीडीपी के मामले में बांग्लादेश आगे निकलने वाला है। वहीं सरकारी सूत्रों ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में प्रति व्यक्ति जीडीपी 2014-15 के 83,091 रुपये से बढ़कर 2019-20 में 1,08,620 रुपये हो गया है, जो 30.7 प्रतिशत की वृद्धि है।
भारत का जीडीपी बांग्लादेश से 11 गुना अधिक
सूत्रों ने कहा कि पीपीपी के लिहाज से भारत का जीडीपी बांग्लादेश से 11 गुना अधिक है। वहीं भारत की आबादी पड़ोसी देश से आठ गुना अधिक है। सूत्रों ने बताया कि आईएमएफ ने 2020 में पीपीपी के हिसाब से भारत का प्रति व्यक्ति जीडीपी 6,284 डॉलर रहने का अनुमान लगाया है। वहीं बांग्लादेश का प्रति व्यक्ति जीडीपी 5,139 डॉलर रहने का अनुमान है। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग-2) के दौरान यह 2009-10 के 65,394 रुपये से बढ़कर 2013-14 में 78,348 रुपये हो गया, जो 19.8 प्रतिशत की वृद्धि है।
आईएमएफ का अनुमान
सूत्रों ने कहा कि आईएमएफ ने 2021 में भारत की वृद्धि दर 8.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। यह बांग्लादेश के 4.4 प्रतिशत के वृद्धि दर के अनुमान का दोगुना है। आईएमएफ का अनुमान है कि प्रति व्यक्ति जीडीपी के लिहाज से भारत पड़ोसी देश से नीचे चला जाएगा। इस साल भारतीय अर्थव्यवस्था में 10.3 प्रतिशत की बड़ी गिरावट का अनुमान है। आईएमएफ ने भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अपने अनुमान को जून की तुलना में काफी घटा दिया है। आईएमएफ का अनुमान है कि कोविड-19 महामारी के बीच दुनिया के प्रमुख उभरते बाजारों में भारत में सबसे बड़ी गिरावट आएगी।
हालांकि, इसके साथ ही आईएमएफ का अनुमान है कि 2021 में भारतीय अर्थव्यवस्था में जबर्दस्त उछाल आएगा और यह 8.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करेगी। आईएमएफ ने अपनी ताजा विश्व आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में कहा है कि अगले साल भारत सबसे तेजी से बढ़ती उभरती अर्थव्यवस्था का दर्जा फिर हासिल करेगा। इस दौरान चीन की वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। आईएमएफ और विश्वबैंक की वार्षिक बैठक से पहले जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल वैश्विक अर्थव्यवस्था में 4.4 प्रतिशत की गिरावट आएगी। हालांकि, 2021 में वैश्विक अर्थव्यवस्था 5.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करेगी। आईएमएफ के अनुसार 2020 में अमेरिका की अर्थव्यवस्था में 5.8 प्रतिशत की गिरावट आएगी। अगले साल अमेरिकी अर्थव्यवस्था 3.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करेगी।