Edited By rajesh kumar,Updated: 17 Aug, 2020 12:34 PM
छोटे और मध्यम कपड़ा निर्यातकों के एक संगठन ने सरकार से अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था में फेसलेस मूल्यांकन और फेसलेस अपील शुरू करने की मांग की है। संगठन ने कहा कि इससे माल एवं सेवा कर (जीएसटी) अधिकारियों के साथ निर्यातकों का संपर्क कम हो सकेगा।
नई दिल्ली: छोटे और मध्यम कपड़ा निर्यातकों के एक संगठन ने सरकार से अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था में फेसलेस मूल्यांकन और फेसलेस अपील शुरू करने की मांग की है। संगठन ने कहा कि इससे माल एवं सेवा कर (जीएसटी) अधिकारियों के साथ निर्यातकों का संपर्क कम हो सकेगा।
आयकर विभाग ने बृहस्पतिवार को अपनी ई-मूल्यांकन योजना में संशोधन कर इसे फेसलेस मूल्यांकन के साथ जोड़ दिया। पिछले साल शुरू की गई ई-आकलन योजना में संशोधन करते हुए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 'ई-मूल्यांकन योजना' का नाम बदलकर ‘फेसलेस मूल्यांकन योजना’ करने की अधिसूचना जारी की।
होम टेक्सटाइल एक्सपोर्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन (एचईडब्ल्यूए) ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की है कि फेसलेस मूल्यांकन और करदाताओं का चार्टर तुरंत लागू होगा तथा 25 सितंबर से फेसलेस अपील शुरू होगी। इस योजना का उद्देश्य करदाताओं और आयकर विभाग के अधिकारियों के बीच आमने-सामने की बातचीत को खत्म करना है।
संगठन ने कहा, ‘एचईडब्ल्यूए उसी स्तर पर सरकार से अपील करता है कि अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था में फेसलेस मूल्यांकन और फेसलेस अपील की सुविधा शुरू की जाये, ताकि जीएसटी अधिकारियों के साथ निर्यातकों का संपर्क कम हो जाये।’