Edited By Isha,Updated: 31 Jan, 2019 04:30 PM
बजट में किसानों के लिए बड़े राहत पैकेज की घोषणा की चर्चा के बीच राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार किसानों की समस्याओं का स्थायी समाधान ढूंढने का प्रयास कर रही है। कोविंद ने संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित
नई दिल्लीः बजट में किसानों के लिए बड़े राहत पैकेज की घोषणा की चर्चा के बीच राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार किसानों की समस्याओं का स्थायी समाधान ढूंढने का प्रयास कर रही है। कोविंद ने संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि किसान हमारी अर्थव्यवस्था की बुनियाद हैं और नरेंद्र मोदी सरकार 2022 तक उनकी आमदनी को दोगुना करने को प्रतिबद्ध है। वित्त मंत्री पीयूष गोयल शुक्रवार को सत्ताधारी भाजपा सरकार के कार्यकाल का छठा और अंतिम बजट पेश करेंगे। माना जा रहा है कि वित्त मंत्री हालिया विधानसभा चुनावों में भाजपा की हार के बाद मतदाताओं को लुभाने के लिए कुछ लोकलुभावन उपायों की घोषणा कर सकते हैं।
कोविंद ने कहा कि चाहे चिलचिलाती धूप हो, मूसलाधार बारिश हो, बर्फबारी हो, या कोई और चुनौती हो, हमारे देश के मेहनती किसानों ने दिन-रात एक करके खाद्यान्नों का रिकॉर्ड उत्पादन किया है, डेयरी उत्पादों और मछली-पालन तथा अन्य क्षेत्रों में इकााफा किया है। हमारे किसान भाई-बहन हमारी अर्थव्यवस्था का आधार तो हैं ही, वे हमारे देश की परंपराओं के भी संरक्षक हैं।’’ कोविंद ने कहा कि मैं पूरे सदन की ओर से देश के अन्नदाता किसानों का अभिनंदन करता हूँ। उन्होंने कहा कि सरकार देश के किसानों की आय को दोगुना करने के लिए दिन-रात प्रयत्नशील है। किसानों की हर जरूरत को समझते हुए, उनकी समस्याओं के स्थायी समाधान के लिए सरकार प्रयासरत है। कृषि उपकरण और बीज खरीदने से लेकर बाजार में कृषि उत्पाद पहुंचाने और बेचने तक की पूरी प्रक्रिया में किसानों को अधिक सुविधा और सहायता मिले, यह सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि खेती पर होने वाला खर्च कम करने, किसानों को फसल की उचित कीमत दिलाने, नए बाजार मुहैया कराने तथा कृषि क्षेत्र में आय के नए साधन जोडऩे के लिए नई सोच के साथ काम किया जा रहा है।
सरकार ने 22 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को फसल की लागत का डेढ़ गुना से अधिक करने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। कोविंद ने कहा कि किसानों को अच्छी गुणवत्ता के बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। वैज्ञानिक तरीकों से खेती में मदद मिले, इसके लिए देशभर में कृषि विज्ञान केन्द्रों की संख्या बढ़ाई जा रही है। मृदा की स्थिति के बारे में किसानों को जानकारी देने के लिए 17 करोड़ से ज्यादा ‘सॉयल हेल्थ कार्ड’ बांटे गए हैं। खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा यूरिया के दुरुपयोग को रोकने के लिए यूरिया की 100 प्रतिशत नीम कोटिंग भी की गई है। राष्ट्रपति ने कहा कि सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था बेहतर बनाने के लिए सरकार पहले की 99 अधूरी परियोजनाओं को पूरा कर रही है। इनमें से 71 परियोजनाएं, अगले कुछ महीनों में पूरी होने जा रही हैं।