BPCL में हिस्सेदारी बेचकर 90,000 करोड़ रुपए जुटाना चाहती है सरकार

Edited By jyoti choudhary,Updated: 03 Jan, 2021 02:26 PM

government wants to raise rs 90 000 crore by selling stake in bpcl

भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) के प्राइवेटाइजेशन से केंद्र सरकार को उम्मीद है कि उसे 90,000 करोड़ रुपए प्राप्त होंगे। केंद्र सरकार BPCL में अपनी 52.98% हिस्सेदारी बेचने जा रही है, जिसके लिए 3 कंपनियां रेस में हैं।

नई दिल्लीः भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) के प्राइवेटाइजेशन से केंद्र सरकार को उम्मीद है कि उसे 90,000 करोड़ रुपए प्राप्त होंगे। केंद्र सरकार BPCL में अपनी 52.98% हिस्सेदारी बेचने जा रही है, जिसके लिए 3 कंपनियां रेस में हैं। हालांकि, सरकार ने जो 90,000 करोड़ रुपए प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है, वह BPCL के स्टॉक्स शेयर मार्केट में अभी जिस भाव पर ट्रेड कर रहे हैं, उससे दोगुना है। शुक्रवार को BSE पर कंपनी के स्टॉक्स 0.54% की तेजी के साथ 383 रुपए प्रति शेयर के भाव पर बंद हुए। वहीं NSE पर इसके स्टॉक्स 0.37% की तेजी के साथ 382.50 रुपए के भाव पर बंद हुए। विशेषज्ञों ने BPCL के टारगेट प्राइस को मिड टर्म में प्रति शेयर 500 रुपए तक जाने की संभावना जताई है। 

इस मामले से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि सरकार BPCL के स्टॉक्स को उसकी प्रतिद्वंद्वी कंपनियों के बराबर वेंचमार्क कराना चाहती है। एक अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया, सरकार ने जो अपनी 52.98% हिस्सेदारी के लिए 90,000 करोड़ रुपए का लक्ष्य तय किया है, वह BPCL की परिसंपत्तियों (Assets) की वैल्यू के आधार पर तय किया गया है। मिंट की खबर के मुताबिक, इस मामले से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि कोई अगर यह सोचता है कि केंद्र सरकार BPCL में अपनी हिस्सेदारी केवल उसके Shares की मौजूदा कीमतों पर बेच देगी, तो वे गलत हैं। सरकार कंपनी का Asset Valuation भी देख रही है।

केंद्र सरकार BPCL की प्रतिद्वंद्वी कंपनियों के शेयर से भी इसके स्टॉक्स की तुलना कर रही है। अधिकारी ने कहा कि BPCL के पास इतनी संपत्ति है कि सरकार उसे बेचकर कंपनी के कोर बिजनेस से छेड़छाड़ किए बिना ही आसानी से 45,000 करोड़ रुपये जुटा सकती है। Emkay Global के एक्सपर्ट्स का कहना है कि देश के रिटेल पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स में BPCL की हिस्सेदारी 20% से अधिक है। कंपनियों की नजर BPCL के 17,000 पेट्रोल पंप के अलावा उसके गैस स्टेक्स की तरफ भी हैं। पेट्रोनेट एलएनजी (Petronet LNG) और इंद्रप्रस्थ गैसे लिमिटेड (Indraprastha Gas Limited) के अलावा मोजांबिक गैस (Mozambique gas) में भी BPCL के शेयर्स हैं।

BPCL के ये बिजनेस निवेशकों को करते हैं आकर्षित 
वहीं, Elara Capital के वाइस प्रेसिडेंट गगन दीक्षित ने कहा कि BPCL के स्टॉक्स में लॉन्ग टर्म में अभी की मौजूदा कीमत के दोगुना होने की क्षमता है। RIL-BP और दूसरी कंपनियों के बीच हुई डील से तुलना करें तो BPCL की वैल्यू 80,000 करोड़ रुपये से 1 लाख करोड़ रुपये के बीच बैठेगी। BPCL की बड़ी रिफाइनरी क्षमता और हाइड्रोकार्बन का खनन और उत्पादन भी निवेशकों को आकर्षित कर रहा है। साथ ही कंपनी के दूसरे बिजनेस जैसे- प्रोडक्ट पाइपलाइन, LPG, इंडस्ट्रियल फ्यूल, ATF आदि भी कंपनी के वैल्यूएशन को बढ़ाते हैं।  

BPCL को खरीदने की रेस में ये 3 कंपनियां 
आपको बता दें कि BPCL में सरकार की 52.98% हिस्सेदारी खरीदने के लिए माइनिंग क्षेत्र की दिग्गज कंपनी वेदांता ग्रुप (Vedanta Group) के साथ अमेरिका की दो प्राइवेट इक्विटी इनवेस्टर्स फर्म (PE Investors Firm) अपोलो ग्लोबल मैनेजमेंट (Apollo Global Management) और आई स्कावयर्ड कैपिटल (I Squared Capital) की इकाई थिंक गैस (Think Gas) ने बोलियां सौंपीं हैं। BPCL को खरीदने की बिडिंग प्रक्रिया में इन दोनों प्राइवेट प्लेयर्स के कूदने से कंपनी में सरकार की हिस्सेदारी खरीदने की प्रक्रिया कॉम्पिटिटिव और रोमांचक हो गई है। इससे BPCL का वैल्यूएशन ऊंची कीमत पर होने की सरकार की उम्मीद भी बढ़ गई है।
 

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