Edited By Seema Sharma,Updated: 13 Jun, 2019 11:04 AM
अरहर दाल की कीमत में बढ़ौतरी के मद्देनजर सरकार एक्शन में आ गई है और केन्द्र सरकार 4 लाख टन अरहर दाल का इम्पोर्ट करेगी। सरकार ने अपने बफर स्टॉक से भी 2 लाख टन अरहर दाल खुले बाजार में जारी करने का फैसला किया है।
नई दिल्ली: अरहर दाल की कीमत में बढ़ौतरी के मद्देनजर सरकार एक्शन में आ गई है और केन्द्र सरकार 4 लाख टन अरहर दाल का इम्पोर्ट करेगी। सरकार ने अपने बफर स्टॉक से भी 2 लाख टन अरहर दाल खुले बाजार में जारी करने का फैसला किया है। केन्द्रीय खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने खाद्य, उपभोक्ता मामले, कृषि और वाणिज्य मंत्रालय के सचिवों के साथ एक बैठक कर कुछ अहम फैसले लिए हैं। इसमें दालों की बढ़ती कीमत पर चिंतित सरकार ने संबंधित मंत्रालयों के आला अधिकारियों के साथ इस मामले पर बैठक की। सरकार ने अक्तूबर तक 4 लाख टन अरहर दाल का आयात करने का फैसला किया है।
अक्तूबर के बाद स्थानीय दाल भी बाजार में आने लगेगी। सरकार के पास बफर स्टॉक में फिलहाल 37 लाख टन दाल मौजूद है जिसमें अरहर दाल की मात्रा 7.50 लाख टन है। सरकार का आकलन है कि 2018-19 में दाल के उत्पादन में करीब 8 लाख टन की कमी आ सकती है जिसका असर इसकी सप्लाई पर पड़ सकता है। इसमें अरहर दाल के उत्पादन में ही करीब 5 लाख टन की कमी की संभावना है। ऐसे में सरकार ने सप्लाई बनाए रखने के लिए अरहर दाल आयात करने का फैसला लिया है।
सरकार का दावा है कि चना, उड़द, मूंग और मसूर जैसी दाल की अन्य किस्मों के दाम नियंत्रण में हैं। 2017-18 में दाल का उत्पादन जहां 240 लाख टन हुआ था वहीं 2018-19 में इसका उत्पादन 232 लाख टन होने का अनुमान है। वहीं अरहर दाल का उत्पादन 40.2 लाख टन से गिरकर 35 लाख टन तक होने की संभावना है। बता दें कि अरहर दाल की कीमत 100 रुपए प्रति किलो के पार पहुंच चुकी है।