Edited By jyoti choudhary,Updated: 24 Jun, 2022 10:42 AM
वोडाफोन आइडिया की वित्तीय स्थिति बहुत खराब है। इस टेलीकॉम कंपनी को राहत देते हुए सरकार ने भुगतान के बदले कंपनी में शेयर लेने का फैसला किया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी को 16133 करोड़ रुपए का इंट्रेस्ट पेमेंट करना है जिसे इक्विटी में
बिजनेस डेस्कः वोडाफोन आइडिया की वित्तीय स्थिति बहुत खराब है। इस टेलीकॉम कंपनी को राहत देते हुए सरकार ने भुगतान के बदले कंपनी में शेयर लेने का फैसला किया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी को 16133 करोड़ रुपए का इंट्रेस्ट पेमेंट करना है जिसे इक्विटी में बदलने का फैसला लिया गया है। इसके बदले सरकार को कंपनी में 33 फीसदी हिस्सेदारी मिल जाएगी और वह सबसे बड़ी हिस्सेदार बन जाएगी। हालांकि, इसे मार्केट रेग्युलेटर सेबी से मंजूरी की जरूरत होगी। सेबी से अप्रूवल मिलने के बाद वोडाफोन आइडिया में सरकार के पास सबसे बड़ा हिस्सा होगा।
सबसे बड़ी हिस्सेदारी के बावजूद वह प्रमोटर कैटिगरी में नहीं रहेगी। यह डील पब्लिक ओनरशिप के तहत पूरी की जाएगी। सरकार का कोई प्रतिनिधि कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में शामिल नहीं होगा। कंपनी की वित्तीय स्थिति में सुधार आने के बाद सरकार धीरे-धीरे अपनी हिस्सेदारी घटाएगी। कुल मिलाकर सरकार साइलेंट इन्वेस्टर के रूप में काम करेगी।