एक और राहत पैकेज लेकर आएगी सरकार, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिए संकेत

Edited By jyoti choudhary,Updated: 20 Oct, 2020 12:29 PM

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि सरकार ने 31 मार्च 2021 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष के लिए और और राहत पैकेज के विकल्प बंद नहीं किए हैं। गौरतलब है कि अभी एक हफ्ते पहले ही सरकार ने इकोनॉमी में कंज्यूमर स्पेंडिंग

बिजनेस डेस्कः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि सरकार ने 31 मार्च 2021 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष के लिए और और राहत पैकेज के विकल्प बंद नहीं किए हैं। गौरतलब है कि अभी एक हफ्ते पहले ही सरकार ने इकोनॉमी में कंज्यूमर स्पेंडिंग और कैपेक्स को बढ़ावा देने के लिए कई कदमों का ऐलान किया था।

बता दें कि देश के तमाम कारोबारी संगठन भी सरकार से दूसरे राहत पैकेज की मांग कर चुके हैं। दूसरी तरफ सरकार यह भी कह रही है कि वह अब और कर्ज लेने की स्थिति में नहीं है। चालू वित्त वर्ष में केंद्र सरकार 12 लाख करोड़ रुपए का कर्ज लेगी।

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GDP में गिरावट की समीक्षा शुरू 
वित्त आयोग के अध्यक्ष एन.के. सिंह की किताब पोट्रेट आफ पावर के विमोचन के अवसर पर सीतारमण ने कहा कि जीडीपी में गिरावट की समीक्षा शुरू कर दी गई। इस संबंध में उन्हें जानकारी भी मिल रही है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा कराए जा रहे मूल्यांकन के आधार पर निर्णय किया जा सकता है।

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बड़ी पीएसयू कंपनियों को खर्च बढ़ाने का सख्‍त निर्देश 
वित्त मंत्री सीतारमण ने बड़ी सरकारी कंपनियों को कैपेक्स (पूंजीगत खर्च) बढ़ाने के लिए भी सख्‍त निर्देश दिए हैं। उन्‍होंने कहा कि बड़ी पीएसयू कंपनियां साल 2020-21 के योजनाबद्ध पूंजीगत खर्च का 75 फीसदी हिस्‍सा दिसंबर 2020 तक पूरा करें। इससे देश की इकोनॉमी पर पड़े कोरोना (Covid-19) के बुरे असर को कम करने में मदद मिलेगी। कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिवों और इनसे जुड़ी 14 पीएसयू कंपनियों के चेयरमैन व प्रबंध निदेशकों के साथ ऑनलाइन बैठक में उन्होंने पूंजीगत योजनाओं पर तेजी से काम करने की अपील की।

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'लक्ष्‍य हासिल करने के लिए चाहिए बेहतर समन्‍वय'
वित्‍त मंत्री ने कहा कि पूंजीगत खर्च के लक्ष्य को हासिल करने के लिए पीएसयू कंपनियों के चेयरमैन और प्रबंध निदेशकों के साथ संबंधित मंत्रालयों के सचिवों को ज्यादा समन्वय के प्रयास करने होंगे। बता दें कि 2019-20 में 14 केंद्रीय पीएसयू कंपनियों ने कुल 1,11,672 करोड़ रुपए के पूंजीगत खर्च का लक्ष्य रखा था लेकिन उनका खर्च 104 प्रतिशत यानी 1,16,323 करोड़ रुपए रहा। चालू वित्त वर्ष के लिए इन कंपनियों ने 1,15,934 करोड़ रुपए के पूंजीगत खर्च का लक्ष्य रखा है। इसमें सितंबर 2020 तक पहली छमाही में 37,423 करोड़ रुपए यानी 32 फीसदी लक्ष्य हासिल किया गया है, जबकि 2019-20 की पहली छमाही में यह 39 फीसदी यानी 43,097 करोड़ रुपए था।

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