Edited By ,Updated: 05 Jan, 2016 09:15 PM
सरकार ने अगले माह से दाल की घरेलू आपूर्ति बढ़ाने के लिए 5,000 टन अरहर दाल के आयात को लेकर निविदा जारी की है।
नई दिल्ली: सरकार ने अगले माह से दाल की घरेलू आपूर्ति बढ़ाने के लिए 5,000 टन अरहर दाल के आयात को लेकर निविदा जारी की है। उत्पादन संबंधी चिंताआें के कारण दाल की उंची कीमत के बीच सरकार ने यह फैसला किया है। सरकारी उपक्रम एमएमटीसी ने 5,000 टन अरहर दाल की आपूर्ति के लिए बोली आमंत्रित की है और मूल्य बोली के आधार पर आयात खेप को बढ़ाया जा सकता है।
वर्ष 2015 के मुकाबले घरेलू उत्पादन में मामूली सुधार के कारण वर्ष 2016 में दाल की कीमतों में और वृद्धि होने की आशंका के मद्देनजर सरकार ने एमएमटीसी को निर्देश दिया है कि घरेलू उपलब्धता को बढ़ाने और कीमतों को अंकुश में रखने के लिए वह और दलहनों का आयात करें। दलहन की कीमत अभी भी करीब 180 रुपये प्रति किलो के उच्च स्तर पर बना हुआ है। निविदा दस्तावेज के अनुसार एमएमटीसी ने म्यांमा, मालावी, मोजाम्बिक अथवा किसी अन्य स्थान से तुअर के ताजा फसल के 5,000 टन का आयात करने के लिए वैश्विक बोली आमंत्रित की है।
तकनीकी और मूल्य की बोली दोनों को ही 18 जनवरी तक जमा कराया जा सकता है और निविदा 22 जनवरी तक वैध होगी। एमएमटीसी ने कहा है कि बोली 2,000 टन की न्यूनतम मात्रा के लिए होनी चाहिए और आयात की खेप जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट और चेन्नई बंगरगाह पर सात फरवरी से 15 मार्च के बीच पहुंचनी चाहिए। एमएमटीसी ने पिछले वर्ष कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए 5,000 टन अरहर दाल का आयात किया था। हालांकि उसे उड़द दाल के आयात के लिए जारी निविदा का कोई प्रत्युत्तर नहीं प्राप्त हुआ।
लगातार दूसरे वर्ष कम उत्पादन होने की उम्मीद करते हुए खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने हाल में वाणिज्य मंत्रालय को व्यापार कंपनियों को निर्देश देने को कहा था कि दलहन उत्पादन की कमी की स्थिति की भरपाई करने के लिहाज से आयात की प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश जारी करे। रबी फसलों की कम बुवाई के कारण फसल वर्ष 2015-16 जुलाई से जून में दलहनों का उत्पादन पहले के 1.8 करोड़ टन के उत्पादन अनुमान के मुकाबले काफी कम रहने की आशंका है। वर्ष 2014-15 में दलहन का उत्पादन एक करोड़ 73.8 लाख टन का हुआ था।