Edited By jyoti choudhary,Updated: 06 Jul, 2019 12:50 PM
किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने के लक्ष्य के साथ सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वह कृषि एवं संबद्ध कृषि क्षेत्र के बुनियादी ढांचा के विकास में काफी बड़ा निवेश करेगी एवं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र पर निजी उद्यमियों को बढ़ावा देगी।
नई दिल्लीः किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने के लक्ष्य के साथ सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वह कृषि एवं संबद्ध कृषि क्षेत्र के बुनियादी ढांचा के विकास में काफी बड़ा निवेश करेगी एवं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र पर निजी उद्यमियों को बढ़ावा देगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2019-20 का केंद्रीय बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार की हर योजना के केंद्र बिन्दु में गांव, गरीब और किसान हैं। उन्होंने कहा कि 'कारोबार सुगमता' एवं 'जीवन सुगमता' किसानों पर भी लागू होना चाहिए। उन्होंने कहा, ''हम कृषि अवसंरचना में काफी अधिक निवेश करेंगे।'' सीतारमण ने कहा कि कृषि उत्पादों में मूल्य संवर्धन के लिए सरकार निजी उद्यमिता को बढ़ावा देगी। उन्होंने कहा कि 'अन्नदाता' ऊर्जादाता भी हो सकते हैं।
सीतारमण ने कहा कि मवेशी चारा उत्पादन, दूध खरीद, प्रसंस्करण और विपणन के लिए बुनियादी ढांचा विकसित किए जाने को प्रोत्साहित किए जाने की जरूरत है। सरकार ने मत्स्य पालन क्षेत्र में मौजूद संभावनाओं को भुनाने के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) की घोषणा की है। इसका लक्ष्य ठोस मत्स्य पालन प्रबंधन प्रारूप की स्थापना एवं वैल्यू चेन की कमियों को दूर करना है। इसके अलावा 10,000 नए किसान उत्पादक संगठन बनाने का प्रस्ताव भी वित्त मंत्री ने रखा है। इससे अगले पांच साल में किसानों को पैमाने की मितव्ययिता का लाभ मिलेगा। इसके अलावा पायलट आधार पर चल रही ‘जीरो बजट' खेती को देश के अन्य भागों में लागू करने का प्रस्ताव भी है।