Edited By Supreet Kaur,Updated: 19 Sep, 2019 12:46 PM
सरकार ने इलेक्ट्रानिक सिगरेट यानी ई-सिगरेट के उत्पादन, बिक्री, भंडारण, प्रचार और आयात-निर्यात को प्रतिबंधित करने के लिए गुरुवार को एक अध्यादेश जारी किया। इसका उल्लंघन करने वाले को जेल की सजा और जुर्माना लग सकता है।
नई दिल्लीः सरकार ने इलेक्ट्रानिक सिगरेट यानी ई-सिगरेट के उत्पादन, बिक्री, भंडारण, प्रचार और आयात-निर्यात को प्रतिबंधित करने के लिए गुरुवार को एक अध्यादेश जारी किया। इसका उल्लंघन करने वाले को जेल की सजा और जुर्माना लग सकता है।
बार-बार उल्लंघन पर 5 लाख का जुर्माना
अध्यादेश के अनुसार, पहली बार इसका उल्लंघन करने वालों को एक साल तक की सजा होगी और एक लाख रुपए तक का जुर्माना लगेगा। इस प्रतिबंध का लगातार उल्लंघन करने वालों को तीन साल तक की सजा हो सकती है या पांच लाख रुपए का जुर्माना भी हो सकता है या दोनों सजाएं साथ हो सकती हैं। ई-सिगरेट का भंडारण करने पर अब छह महीने तक की जेल की सजा हो सकती है और 50,000 रुपए का जुर्माना लग सकता है या जेल की सजा और जुर्माना दोनों देना पड़ सकता है।
मंत्रिमंडल ने बुधवार को लगाई थी रोक
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा था कि मंत्रिमंडल ने ई-सिगरेट पर रोक लगाने का निर्णय किया है। इसमें ई सिगरेट के उत्पादन, निर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, बिक्री, भंडारण सभी पर पूरी तरह रोक होगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार ने ई-सिगरेट और इस तरह के अन्य उत्पादों को प्रतिबंधित करने का फैसला किया है जिनसे लोगों के स्वास्थ्य को खास तौर पर युवाओं को खतरा है।
क्या है ई-सिगरेट?
ई-सिगरेट बैटरी से चलने वाले ऐसी डिवाइस है जिनमें लिक्विड भरा रहता है। यह निकोटीन और दूसरे हानिकारक केमिकल्स का घोल होता है। जब कोई व्यक्ति ई-सिगरेट का कश खींचता है तो हीटिंग डिवाइस इसे गर्म करके भाप में बदल देती है। इसीलिए इसे स्मोकिंग की जगह vaping (वेपिंग) कहा जाता है।