Edited By jyoti choudhary,Updated: 04 Jul, 2018 06:03 PM
जीएसटी के तहत छोटे कारोबारियों को फिलहाल राहत मिल सकती है। केंद्र सरकार ने इन कारोबारियों पर फिलहाल सख्ती नहीं करने का संकेत दिया है। इसके लिए कर चोरी रोकने का हथियार माने जा रहे रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म को फिलहाल टाल दिया गया है।
बिजनेस डेस्कः जीएसटी के तहत छोटे कारोबारियों को फिलहाल राहत मिल सकती है। केंद्र सरकार ने इन कारोबारियों पर फिलहाल सख्ती नहीं करने का संकेत दिया है। इसके लिए कर चोरी रोकने का हथियार माने जा रहे रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म को फिलहाल टाल दिया गया है।
सूत्रों का कहना है कि जीएसटी के तहत पंजीकृत एक करोड़ 12 लाख कारोबारियों में करीब एक फीसदी से 80 फीसदी राजस्व हासिल होता है। बाकी 90 लाख छोटे कारोबारियों से करीब 20 फीसदी कर वसूली हो पाती है। सरकार के सूत्रों का कहना है कि जीएसटी में रिटर्न और रिफंड की परेशानियां अभी पूरी तरह दूर नहीं हुई हैं, ऐसे में रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म (आरसीएम) को लागू करने से छोटे कारोबारियों में नाराजगी बढ़ा सकता है।
आरसीएम से पंजीकृत कारोबारियों पर बोझ बढ़ेगा और वे गैर पंजीकृत डीलरों से खरीद कम करेंगे। वैसे भी जीएसटी परिषद ही आरसीएम के तौरतरीकों को लेकर आखिरी फैसला लेना है। आरसीएम के साथ जीएसटी में स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) और स्रोत पर कर संग्रहण (टीसीएस) को पहले भी टाला जा चुका है। अब यह छूट 30 सितंबर तक बढ़ा दी गई है।
कर चोरी रोकने के अन्य विकल्पों पर विचार
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 90 लाख कारोबारियों को परेशानी में डालने से ज्यादा टैक्स नहीं जुटाया जा सकेगा, ऐसे में यह उल्टा कदम साबित हो सकता है। लिहाजा कर चोरी रोकने के अन्य विकल्पों को खंगाला जा रहा है।
टैक्स दर भी काफी कम
अधिकारियों का तर्क है कि एकमुश्त स्कीम के तहत एक करोड़ रुपये तक टर्नओवर वाले कारोबारियों पर पहले ही एक फीसदी जीएसटी है। छोटे कारोबारी बिना विस्तृत रिटर्न के झंझट के यह कर चुका कर निश्चिंत हो सकते हैं। ऐसे में आरसीएम से बहुत ज्यादा खजाना भरने की उम्मीद नहीं है। इस योजना में करीब 18 लाख कारोबारियों ने महज 15 लाख का टर्नओवर दिखाया है।