सरकार की दूरसंचार क्षेत्र की चिंताओं को दूर करने की इच्छा: सीतारमण

Edited By jyoti choudhary,Updated: 16 Nov, 2019 10:58 AM

government wishes to address telecom sector concerns sitharaman

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि सरकार दूरसंचार क्षेत्र की चिंताओं को दूर करने की इच्छा रखती है। इस क्षेत्र में समायोजित सकल आय (एजीआर) पर उच्चतम न्यायालय के हाल के निर्णय के बाद कंपनियों पर पुराने सांविधिक बकाए के भुगतान का दबाव...

नई दिल्लीः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि सरकार दूरसंचार क्षेत्र की चिंताओं को दूर करने की इच्छा रखती है। इस क्षेत्र में समायोजित सकल आय (एजीआर) पर उच्चतम न्यायालय के हाल के निर्णय के बाद कंपनियों पर पुराने सांविधिक बकाए के भुगतान का दबाव पैदा हो गया है। 

सीतारमण ने कहा, ‘‘हम नहीं चाहते कोई कंपनी अपना परिचालन बंद करे। हम चाहते हैं कि कोई भी कंपनी हो, वह आगे बढ़े।'' उन्होंने कहा, ‘‘सिर्फ दूरसंचार क्षेत्र ही नहीं, बल्कि हर क्षेत्र में सभी कंपनियां कारोबार करने में सक्षम हों। अपने बाजार में ग्राहकों को सेवाएं दें और कारोबार में बनी रहें। इसी धारणा के साथ वित्त मंत्रालय हमेशा बातचीत करता रहता है और दूरसंचार उद्योग के लिए भी हमारा यही दृष्टिकोण है।'' 

बृहस्पतिवार को दूरसंचार क्षेत्र की कंपनियों वोडाफोन आइडिया और एयरटेल ने अपने दूसरी तिमाही के परिणामों में भारी घाटा दिखाया है। पिछले महीने न्यायालय ने एजीआर की सरकार द्वारा तय परिभाषा को सही माना था। इसके तहत कंपनियों की दूरसंचार सेवाओं के इतर कारोबार से प्राप्त आय को भी उनकी समायोजित सकल आय का हिस्सा मान लिया गया है। एजीआर पर न्यायालय के फैसले के बाद वोडाफोन-आइडिया, एयरटेल और अन्य दूरसंचार सेवा प्रदाताओं पर सरकार की कुल 1.4 लाख करोड़ रुपए की पुरानी सांविधिक देनदारी बनती है।

न्यायालय का निर्णय आने के कुछ दिन के भीतर ही सरकार ने कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में एक सचिवों की समिति गठित कर दी। इसे दूरसंचार उद्योग पर वित्तीय दबाव से निपटने के उपाय सुझाने के लिए कहा गया है। सीतारमण ने कहा कि सरकार का इरादा उन सभी लोगों की चिंताओं का समाधान करने का है जो न्यायालय के निर्णय के बाद भारी संकट से गुजर रहे हैं और जिन्होंने सरकार से संपर्क किया है। उन्होंने कहा, ‘‘हम इस बात को लेकर भी सचेत हैं कि उच्चतम न्यायालय ने हमारे पक्ष में आदेश दिया है और ऐसे में दूरसंचार विभाग की चिंताओं पर भी विचार किया जाना है। इसलिए इस संबंध में सरकार की वित्तीय स्थिति और फैसले के दूरसंचार उद्योग के लिए निहितार्थों को समझकर निर्णय लेना होगा।'' 

सचिवों की समिति के बारे में सीतारमण ने कहा, ‘‘अभी उसका फैसला लेना बाकी है।'' उन्होंने कहा कि दूरसंचार क्षेत्र पर बकाया को लेकर किसी भी बैंक ने वित्त मंत्रालय को अपनी चिंता जाहिर नहीं की है। उल्लेखनीय है कि वोडाफोन ने जहां दूसरी तिमाही में 50 हजार करोड़ रुपए से कारपोरेट इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा तिमाही घाटा दिखाया है, वहीं एयरटेल ने इस दौरान 23 हजार करोड़ रुपए से अधिक का तिमाही घाटा बताया है। दोनों कंपनियों को कुल मिलाकर दूसरी तिमाही में 74,000 करोड़ रुपए से अधिक का घाटा हुआ है।  

 

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