Edited By jyoti choudhary,Updated: 29 Mar, 2022 02:10 PM
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को निकट भविष्य में नोटों की छपाई के मामले में शतप्रतिशत आत्मनिर्भरता हासिल करने पर जोर दिया। उन्होंने मैसूर में भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लि. (बीआरबीएनएमपीएल)
मुंबईः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को निकट भविष्य में नोटों की छपाई के मामले में शतप्रतिशत आत्मनिर्भरता हासिल करने पर जोर दिया। उन्होंने मैसूर में भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लि. (बीआरबीएनएमपीएल) की स्याही विनिर्माण इकाई वर्णिका देश को समर्पित करते हुए यह बात कही। बीआरबीएनएमपीएल आरबीआई की पूर्ण अनुषंगी है। इकाई ने वर्णिका का गठन किया है।
आरबीआई ने एक बयान में कहा कि इससे ‘मेक इन इंडिया' को गति मिलेगी और बैंक नोट छपाई में लगाने वाली स्याही की जितनी जरूरत है, उसे घरेलू स्तर पर पूरा किया जा सकेगा। दास ने अपने संबोधन में कहा कि नोट छपाई के मामले में आत्मनिर्भर बनने को लेकर मुकम्मल परिवेश बनाने के संदर्भ में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। उन्होंने निकट भविष्य में बैंकनोट छपाई में 100 प्रतिशत आत्मनिर्भर होने को लेकर निरंतर क्षमता निर्माण (लोगों, प्रक्रिया और प्रौद्योगिकी के संदर्भ में), अनुसंधान और विकास तथा नवोन्मेष के महत्व पर जोर दिया।
वर्णिका ‘कलर शिफ्ट इंटैग्लियो इंक' (सीएसआईआई) भी बनाती है और देश में बैंक नोट प्रिंटिंग प्रेस की इस संदर्भ में सभी आवश्यकताओं को पूरा करती है। इससे बैंक नोट स्याही उत्पादन में लागत दक्षता और आत्मनिर्भरता हासिल हुई है। इस मौके पर दास ने भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड के अध्ययन एवं विकास केंद्र (एलडीसी) का शिलान्यास भी किया। उन्होंने कहा कि यह केंद्र देश में मुद्रा छपाई परिवेश में मानव संसाधन क्षमता निर्माण की सुविधा प्रदान करेगा और उत्कृष्टता के वैश्विक केंद्र के रूप में उभरेगा।