नोटबंदीः अब सरकार के निशाने पर कंपनियां, देनी होगी पुराने नोटों के लेनदेन की डिटेल

Edited By ,Updated: 03 Apr, 2017 07:00 PM

govt asks companies to disclose details about junked notes

नोटबंदी को लेकर आम आदमी के बाद सरकार के निशाने पर कंपनियां आ रही हैं। सरकार ने कंपनियों से नोटबंदी के बाद 30 दिसंबर तक की अवधि में चलन से हटाए गए नोटों में किए गए लेन-देन का पूरा ब्यौरा देने को कहा है।

नई दिल्लीः नोटबंदी को लेकर आम आदमी के बाद सरकार के निशाने पर कंपनियां आ रही हैं। सरकार ने कंपनियों से नोटबंदी के बाद 30 दिसंबर तक की अवधि में चलन से हटाए गए नोटों में किए गए लेन-देन का पूरा ब्यौरा देने को कहा है। इसके अलावा आडिटरों को अपनी रिपोर्ट में इसका जिक्र करने को भी कहा गया है कि क्या कंपनियों ने उक्त अवधि के दौरान प्रतिबंधित पुराने नोटों में किए गए सौदों के बारे में पर्याप्त खुलासा किया है।  

कालेधन की समस्या से लडऩे के साथ ही भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर, 2016 को 500 और 1,000 रुपए के नोटों को चलन से हटाने की घोषणा की थी।

8 नवंबर से 30 दिसंबर 2016 तक व्यक्तियों और कंपनियों को प्रतिबंधित नोटों को बैंकों में बदलने का समय दिया गया था। इस दौरान पुराने नोट से बिजली के बिल से लेकर पैट्रोल लेने जैसे कई कामों में इस्‍तेमाल की छूट दी गई थी।

कॉरपोरेट अफेयर्स मिनिस्‍ट्री का आदेश 
कंपनी कानून का क्रियान्वयन कर रहे कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने पंजीकृत कंपनियों से उक्त अवधि के दौरान अपने बही-खाते में प्रतिबंधित नोट के बारे में पूरा ब्यौरा देने को कहा है। 

अधिसूचना के अनुसार प्रत्येक कंपनी 8 नवंबर 2016 से 30 दिसंबर 2016 के दौरान अपने पास रखे 500 और 1,000 रुपए के नोट और उनमें किए गए लेन-देन के बारे में पूरा ब्यौरा देंगी। अन्य बातों के अलावा कंपनियों को यह भी जानाकारी देनी है कि चलन से हटाए गए नोट में से कितना उन्होंने बैंकों में जमा किया और कितना भुगतान किया। इस संदर्भ में कंपनी कानून, 2013 के कुछ प्रावधानों में संशोधन किए गए हैं।

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