15 सैन्य हवाईअड्डों पर छोटे यात्री विमानों के उतरने का शुल्क हटा सकती है सरकार

Edited By jyoti choudhary,Updated: 07 Jun, 2019 06:42 PM

govt may remove  landing charges  at 15 defence airports for aircraft

घरेलू हवाई संपर्क को बेहतर बनाने की दिशा में केंद्र सरकार 15 सैन्य हवाईअड्डों पर 80 से कम सीटों वाले विमानों के लिए उतरने का शुल्क हटा सकती है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

नई दिल्लीः घरेलू हवाई संपर्क को बेहतर बनाने की दिशा में केंद्र सरकार 15 सैन्य हवाईअड्डों पर 80 से कम सीटों वाले विमानों के लिए उतरने का शुल्क हटा सकती है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। 

विमानन कंपनियों को किसी भी हवाईअड्डे पर विमान उतारने के लिए एक निश्चित शुल्क देना होता है। यह शुल्क विमान के वजन के हिसाब से होता है। सैन्य हवाईअड्डों का नियंत्रण भारतीय वायुसेना के पास है। वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘‘एक विमानन कंपनी ने नागर विमानन मंत्रालय से 80 से कम सीटे वाले विमानों के 15 सैन्य हवाईअड्डों पर उतरने पर लगने वाले शुल्क को हटाने का अनुरोध किया था। नागर विमानन सचिव इस बात को जल्द ही रक्षा मंत्रालय के साथ उठाने का निर्णय कर चुके हैं।'' 

एक अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘‘80 से कम सीट वाले विमान इस समय 15 सैन्य हवाईअड्डों से क्षेत्रीय उड़ान सेवाओं के विस्तार में मदद कर रहे हैं। ऐसे में नागर विमानन मंत्रालय का मत है कि इन्हें रक्षा मंत्रालय से विमान उतरने वाले शुल्क से छूट दी जानी चाहिए।'' रक्षा मंत्रालय ने अपुष्ट तौर पर बताया कि इस शुल्क को हटाना व्यवहारिक है। वर्तमान में स्पाइसजेट छोटे मार्गों पर 80 से कम के छोटे विमानों के परिचालन में पुराने क्यू400 विमान और इंडिगो एटीआर विमान इस्तेताल कर रही है। 

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