ONGC के 149 तेल एवं गैस क्षेत्र निजी कंपनियों को बेचने पर विचार

Edited By jyoti choudhary,Updated: 11 Nov, 2018 05:20 PM

govt mulls selling 149 fields of ongc to pvt cos

सरकार तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) के 149 लघु और सीमान्त तेल एवं गैस क्षेत्रों को निजी और विदेशी कंपनियों को बेचने पर विचार कर रही है। मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि सरकार चाहती है

नई दिल्लीः सरकार तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) के 149 लघु और सीमान्त तेल एवं गैस क्षेत्रों को निजी और विदेशी कंपनियों को बेचने पर विचार कर रही है। मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि सरकार चाहती है कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी सिर्फ बड़े क्षेत्रों पर ही ध्यान केंद्रित करे। 

सूत्रों ने कहा कि खोजे गए छोटे क्षेत्रों (डीएसएफ) के बोली दौर को कुछ विस्तार दिया जा सकता है। इसमें ओएनजीसी के खोजे गए और उत्पादक क्षेत्रों की नीलामी सरकार को अधिकतम उत्पादन हिस्से की पेशकश करने वाली कंपनियों को की जा सकती है। यह पेट्रोलियम मंत्रालय द्वारा ओएनजीसी के कुछ क्षेत्रों को निजी और विदेशी कंपनियों को देने का दूसरा प्रयास है। पिछले साल अक्तूबर में हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय (डीजीएच) ने राष्ट्रीय पेट्रोलियम कंपनियों के 15 ऐसे क्षेत्रों की पहचान की थी जिन्हें निजी कंपनियों को दिया जा सकता है। इनमें क्षेत्रों में कच्चे तेल का सामूहिक भंडार 79.12 करोड़ टन और गैस का 333.46 अरब घनमीटर का भंडार था। सरकार का मानना है कि इससे तेल और गैस का उत्खनन सुधारा जा सकेगा।

हालांकि, ओएनजीसी ने ही इस प्रस्ताव का कड़ा विरोध करते हुए कहा था कि उसे ही सरकार की योजना के अनुरूप उन्हीं शर्तों पर कुछ परिचालन आउटसोर्स करने की अनुमति दी जाए। सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 अक्तूबर को घरेलू तेल एवं गैस कंपनियों के उत्पादन की समीक्षा की थी और साथ ही 2022 तक तेल आयात पर निर्भरता 10 प्रतिशत तक कम करने के लिए रूपरेखा पर विचार-विमर्श किया था। इस बैठक में मंत्रालय ने अपने प्रस्तुतीकरण में कहा था कि ओएनजीसी का 95 प्रतिशत उत्पादन 60 बड़े क्षेत्रों से आता है और 149 छोटे क्षेत्रों का योगदान मात्र पांच प्रतिशत है।  

बैठक में यह सुझाव दिया गया कि इन छोटे क्षेत्रों को निजी और विदेशी कंपनियों को दिया जा सकता है। ओएनजीसी को सिर्फ बड़े क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। सूत्रों ने बताया कि इसके बाद नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कान्त की अगुवाई में एक 6 सदस्यीय समिति का गठन किया गया, जो इस मुद्दे पर अपना प्रस्ताव देगी। ओएनजीसी हालांकि, इस योजना का विरोध कर रही है। उसका कहना है कि सरकार डीएसएफ में निजी और विदेशी कंपनियों को जो शर्तें रख रही है, उसे भी उन्हीं शर्तों पर इसकी अनुमति होनी चाहिए। 

डीएसएफ के पहले दौर में सरकार ने निजी कंपनियों को 34 क्षेत्र दिए थे। उन्हें इन क्षेत्रों से उत्पादित तेल एवं गैस की कीमत और विपणन के मामले में पूरी आजादी दी गई है। फिलहाल डीएसएफ के दूसरे दौर के तहत 25 क्षेत्रों के लिए बोलियों की प्रक्रिया चल रही है। डीएसएफ के तहत जिन क्षेत्रों की पेशकश की गई है उन्हें ओएनजीसी और आयल इंडिया लिमिटेड से लिया गया है उसे इस सोच के साथ लिया गया है कि ये क्षेत्र बिना तेल शोधन के बेकार पड़े हैं लेकिन मौजूदा प्रस्ताव में सरकार ने खोज किए हुए और उत्पादन कर रहे क्षेत्रों को लेने की योजना बनाई है। 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!