एयर इंडिया का सरकार पर 1146.86 करोड़ रुपए बकाया, एक दशक से पेंडिंग हैं कई बिल

Edited By jyoti choudhary,Updated: 30 Sep, 2018 06:20 PM

govt owes air india over rs 1146 86 crore for vvip charter flights

आर्थिक संकट का सामना कर रही सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया का सरकार उधार नहीं चुका रही है। VVIP चार्टर फ्लाइट्स के किराए के रूप में सरकार को 1146.86 करोड़ रुपए चुकाने हैं।

नई दिल्लीः आर्थिक संकट का सामना कर रही सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया का सरकार उधार नहीं चुका रही है। VVIP चार्टर फ्लाइट्स के किराए के रूप में सरकार को 1146.86 करोड़ रुपए चुकाने हैं। हैरानी की बात यह है कि कई बिल एक दशक से पेंडिंग है। एक साल में इसमें 3 गुना इजाफा हो चुका है। कंपनी ने आरटीआई आवेदन के जवाब में चौंकाने वाली जानकारियां दी हैं।

एयर इंडिया का PMO पर 543.18 करोड़ रुपए उधार 
कोमोडोर लोकेश बत्रा (रिटायर्ड) के आवदेन पर एयर इंडिया ने बताया कि रक्षा मंत्रालय पर 211.17 करोड़, कैबिनेट सचिवालय और PMO पर 543.18 करोड़ और विदेश मंत्रालय पर 392.33 करोड़ रुपए उधार है। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति की यात्रा और बचाव कार्यों में लगाए गए फ्लाइट्स के कई बिल तो 10 साल पुराने हैं। मार्च में एयर इंडिया ने बताया था कि 31 जनवरी तक 325 करोड़ रुपए बकाया थे, जो अब 1146.86 करोड़ रुपए हो गया है। 

2016 में उठाया था पेंडिंग बिल का मुद्दा
राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री जैसे VVIPs के लिए एयर इंडिया चार्टर्ड एयरक्राफ्ट उपलब्ध कराता है। इसके लिए जरूरत के मुताबिक कमर्शियल जेट को सुइट में बदला जाता है। इन विमानों का किराया रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, PMO और कैबिनेट सचिवालय के कोष से चुकाया जाता है। पेंडिंग बिलों का मुद्दा 2016 में CAG ने भी उठाया था। 

गौरतलब है कि सरकारी विमानन कंपनी करीब 50 हजार करोड़ रुपए के कर्ज दले दबी है। सरकार इसे बेचने का भी प्रयास कर चुकी है, लेकिन इसमें असफल रही।
 

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