Edited By Yaspal,Updated: 03 Apr, 2019 09:53 PM
बुधवार को जेट एयरवेज के प्रवर्तक और पूर्व चेयरमैन नरेश गोयल ने बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि एयरलाईन को समय पर कोष उपलब्ध कराने के लिये कर्जदाताओं द्वारा रखी गई हर तरह के नियम, शर्त को स्वीकार किया है। कर्ज संकट से जूझ रही इस एयरलाइन के रिण...
नई दिल्ली: बुधवार को जेट एयरवेज के प्रवर्तक और पूर्व चेयरमैन नरेश गोयल ने बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि एयरलाईन को समय पर कोष उपलब्ध कराने के लिये कर्जदाताओं द्वारा रखी गई हर तरह के नियम, शर्त को स्वीकार किया है। कर्ज संकट से जूझ रही इस एयरलाइन के रिण समाधान को आगे बढ़ाते हुये इसके कर्जदाता कंपनी का नियंत्रण अपने हाथ में लेंगे और इसमें 1,500 करोड़ रुपये का कोष डालेंगे।
15 विमान खड़े होने का कारण
एयरलाइन के भविष्य को लेकर बढ़ती चिंता के बीच गोयल ने कहा है कि उन्होंने भारतीय कर्जदाताओं के समूह को सहयोग देने के लिये पूरी ईमानदारी के साथ कुछ कड़े, व्यक्तिगत फैसले लिये है, और मैंने उनकी समयबद्ध तरीके से रखी गई हर शर्त को माना। गोयल का यह वक्तव्य ऐसे समय आया है जब एयरलाइन ने यह खुलासा किया है कि पट्टा किराया नहीं देने की वजह से उसके 15 और विमान खड़े कर दिये गये हैं।
गोयल और उनकी पत्नी जेट से बाहर
जेट एयरवेज के निदेशक मंडल की २५ मार्च को हुई बैठक में कर्ज समाधान योजना के तहत कंपनी में 1,500 करोड़ रुपये डाले जायेंगे और उसके ऋण को इक्विटी पूंजी में बदला जायेगा। इसके साथ ही गोयल और उनकी पत्नी अनिता गोयल निदेशक मंडल से बाहर होंगे। इस बदलाव के बाद कंपनी में गोयल की हिस्सेदारी घटकर 25 प्रतिशत और उसके भागीदार एतेहाद की हिस्सेदारी 12 प्रतिशत रह जायेगी।