सरकारी दाल से चना हुआ बेहाल

Edited By jyoti choudhary,Updated: 31 Aug, 2018 02:02 PM

gram bean with official dal

सरकारी गोदामों में जमा दाल की बाजार में आपूर्ति करने की खबर से चने में गिरावट बढ़ गई। आपूर्ति की धमक से वायदा बाजार में चार फीसदी का निचला सर्किट लग गया है। वहीं नेफेड खुले बाजार में चना उतारने जा रहा है जिसके कारण मंडियों में आपूर्ति बढ़ेगी।

मुंबईः सरकारी गोदामों में जमा दाल की बाजार में आपूर्ति करने की खबर से चने में गिरावट बढ़ गई। आपूर्ति की धमक से वायदा बाजार में चार फीसदी का निचला सर्किट लग गया है। वहीं नेफेड खुले बाजार में चना उतारने जा रहा है जिसके कारण मंडियों में आपूर्ति बढ़ेगी। इस कारण चने के दाम पिछले डेढ़ महीने के निचले स्तर पर पहुंच गए हैं। आपूर्ति बढऩे से चने सहित दूसरी दलहन फसलों की कीमतें दबाव में आ गई हैं। पिछले दो सप्ताह से चने में जारी गिरावट और तेज हो गई। वायदा बाजार में चना चार फीसदी के लोअर सर्किट में फंस गया है। वायदा बाजार एनसीडीईएक्स में चने का भाव गिरकर 3,754 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गया। चालू महीने के मध्य में एनसीडीईएक्स पर चने के दाम 4,400 रुपए प्रति क्विंटल के ऊपर चल रहा था जिसमें अभी तक करीब 15 फीसदी की गिरावट आ चुकी है, जबकि चने की नई फसल 4 माह बाद आएगी।

चने की बेहतर पैदावार और मॉनसूनी बारिश शुरू होने के पहले तक कीमतों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही थी। देश में मॉनसून सक्रिय होने के बाद कीमतों में सुधार आना शुरू हुआ है। वायदा बाजार में 12 जून को चने के दाम 3,400 रुपए प्रति क्विंटल के नीचे पहुंच चुका था। मॉनसून आने के साथ चने में तेजी का दौर शुरू हुआ और दो महीने में कीमत 1,000 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़कर 4,400 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गया। 

गौरतलब है कि सरकार ने इसका एमएसपी 4,400 रुपए तय किया है। कीमतों में सुधार की वजह बारिश के कारण आपूर्ति में कमी और हाजिर बाजार में मांग बढऩे को बताया जा रहा था लेकिन 12 अगस्त के बाद कीमतों में गिरावट शुरू हुई जो फिलहाल सुधरने वाली नहीं है, क्योंकि कल से नेफेड गोदामों में जमा चना खुले बाजार में बेचा जाएगा। 

मटर पर आयात प्रतिबंध बना रहेगा 
मटर के आयात पर प्रतिबंध हटाने के एक ही दिन बाद विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने गुरुवार को कहा कि यह व्यापार प्रतिबंध बरकरार रहेगा। डीजीएफटी की एक दिन पुरानी अधिसूचना को मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश के बाद पलट दिया गया। मद्रास उच्च न्यायालय ने डीजीएफटी की 25 अप्रैल की अधिसूचना को बरकरार रखा है, जिसमें 30 सितंबर, 2018 तक मटर के आयात पर रोक की बात कही गई थी। डीजीएफटी की अप्रैल की अधिसूचना को अवैध बताते हुए कुछ कारोबारियों ने मद्रास उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। 

मुंबई की एक दलहन आयातक पंचम इंटरनैशनल के प्रबंध निदेशक बिमल कोठारी ने कहा, 'मद्रास उच्च न्यायालय ने डीजीएफटी की अप्रैल की अधिसूचना बरकरार रखी है। इसका मतलब है कि मटर की सभी किस्मों पर आयात प्रतिबंध 30 सितंबर तक बने रहेंगे।' डीजीएफटी ने बुधवार को अप्रैल में जारी अपनी अधिसूचना वापस ले ली थी। अधिसूचना को वापस लिए जाने से बाजार में हड़कंप मच गया, जिससे सभी किस्म की दालों की कीमतों में 3 से 4 फीसदी गिरावट आई। हालांकि आज कीमतें सुधरकर पूर्व स्तर पर आ गईं।    

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