यार्न की बड़ी मंदी, किसानों का रुला सकता है व्हाइट गोल्ड

Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 Aug, 2019 11:12 AM

great recession in yarn farmers may cry white gold

केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अनुसार देश में खरीफ फसल कपास साल 2019-20 के लिए किसानों ने 9 अगस्त तक 118.73 लाख हैक्टेयर रकबा में कपास की बुआई की है, जबकि पिछले साल इस अवधि के दौरान बुआई 112.60 लाख हैक्टेयर रकबा में हुई थी।

जैतोः केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अनुसार देश में खरीफ फसल कपास साल 2019-20 के लिए किसानों ने 9 अगस्त तक 118.73 लाख हैक्टेयर रकबा में कपास की बुआई की है, जबकि पिछले साल इस अवधि के दौरान बुआई 112.60 लाख हैक्टेयर रकबा में हुई थी। इस साल अभी तक पिछले साल की तुलना 6.13 लाख हैक्टेयर रकबा किसानों ने कपास का बढ़ाया है। सूत्रों के अनुसार चालू कपास सीजन साल 2018-19 में कपास उत्पादन 3.60 करोड़ गांठ होने का कयास लगाया गया था लेकिन मौसम अचानक खराब होने से तथा कपास फसल पर बीमारी लगने से यह अनुमान बुरी तरह से नैया में डूब गया। 

कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सी.ए.आई.) के अनुसार इस सीजन में कपास उत्पादन 3.12 करोड़ गांठ ही रहेगा जबकि पिछले साल यह उत्पादन 3.65 करोड़ गांठ (प्रति गांठ 170 किलो) रहा था। सूत्रों का कहना है कि देश में कपास की बुआई को देखते हुए और मौजूदा मौसम अनुकूल रहने से कपास उत्पादन विश्वस्तरीय रहेगा। आगामी दो-अढ़ाई माह मौसम ठीक रहा तो देश में कपास उत्पादन 4 करोड़ गांठ पक्का माना जा रहा है लेकिन यह आंकड़ा रूई तेजडिय़ों के गले के नीचे नहीं उतर रहा है। 

चालू कपास सीजन 2018-19 (अक्तूबर-सितम्बर) के दौरान भी रूई तेजडिय़ों ने देश में 40-45 लाख गांठ उत्पादन कम रहने को देखते हुए अरबों रुपए दांव पर लगा कर लाखों गांठ रूई स्टाक कर लिया। रूई स्टॉकिस्टों (तेजडिय़ों) का बड़ा सपना था कि देश में 40-45 लाख गांठ उत्पादन कम होने से उनकी धन की किस्मत के द्वार चौतरफा खुल जाएंगे। 

कई तेजडिय़ों ने कई माह पहले ही रूई गांठ का स्टाक शुरू कर दिया था क्योंकि उन्हें बड़ी उम्मीद थी कि रूई 7वें आसमान पर चढ़ कर 7000 रुपए मन का झंडा जरूर गाड़ेगी लेकिन तेजडिय़ों के सपने उस वक्त चकनाचूर हो गए जबकि रूई बाजार ने 4975 रुपए मन के पास पहुंच कर ऐसा बैक गियर लगा दिया कि रूई स्टॉकिस्ट (तेजडिय़ों) में बड़ी हलचल बनी हुई है क्योंकि आज रूई बाजार औंधे मुंह जमीन पर आ गिरा है जिसकी हालत काफी नाजुक बनी हुई है। 

सत्र की रूई जिसने 4975 रुपए भाव दिखा कर स्टॉकिस्टों के चेहरों पर अच्छी मुस्कान दी थी। आज रूई के भाव नैया में डूब कर जे-34 रोलर रूई पंजाब 4375-4425 रुपए मन, हरियाणा 4350-4385 रुपए, राजस्थान 4370-4380 रुपए व लोअर राजस्थान 41400-42400 रुपए कैंडी कीमतें बोली जा रही हैं। मात्र करीब 2 माह पहले रूई भाव पंजाब 4840-4870 रुपए मन, हरियाणा 4820-4870 रुपए, राजस्थान 4840-4850 रुपए मन व लोअर राजस्थान 47200-48200 रुपए प्रति कैंडी थे। अर्थात दो माह भीतर ही 445-475 रुपए मन व 5800 रुपए कैंडी कीमतें लुढ़क चुकी हैं। 

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