Edited By jyoti choudhary,Updated: 16 Mar, 2019 11:21 AM
अमरीका और चीन के बीच जारी ट्रेड वॉर का असर अब व्यापक रूप लेता जा रहा है। इससे चीन की मुश्किलें लगातार बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं। दरअसल वर्ष 2019 के पहले 2 महीनों में ही चीन की आर्थिक स्थिति बीते 17 साल में सबसे अधिक कमजोर हुई है।
नई दिल्लीः अमरीका और चीन के बीच जारी ट्रेड वॉर का असर अब व्यापक रूप लेता जा रहा है। इससे चीन की मुश्किलें लगातार बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं। दरअसल वर्ष 2019 के पहले 2 महीनों में ही चीन की आर्थिक स्थिति बीते 17 साल में सबसे अधिक कमजोर हुई है। चीनी सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक इस साल जनवरी और फरवरी माह में इंडस्ट्रियल आऊटपुट लुढ़क कर 17 साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई है। दिसम्बर 2018 में चीन की बेरोजगारी दर 4.9 प्रतिशत थी जो इस साल फरवरी में बढ़कर 5.3 प्रतिशत हो गई है यानी चीन में बेरोजगारी तेजी से बढ़ रही है।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सी.पी.आई.) की बात करें तो बीते महीने में यह भी एक साल के न्यूनतम स्तर पर आ गया। फरवरी माह में चीन का सी.पी.आई. 1.5 प्रतिशत की दर से बढ़ा जो जनवरी माह में 1.7 प्रतिशत था। बता दें कि सी.पी.आई. खुदरा मुद्रास्फीति का मुख्य संकेतक होता है और इसमें बीते 4 महीनों से लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। चीन के ग्रॉस डोमैस्टिक प्रोडक्ट (जी.डी.पी.) की बात करें तो यह भी 2019 में 6.6 प्रतिशत के स्तर पर आ गया था जो बीते 28 साल का न्यूनतम स्तर था। चीनी सरकार ने साल 2019 के लिए जी.डी.पी. विकास दर को 6-6.50 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।
सरकार की अर्थव्यवस्था पर नजर
साल के शुरूआती 2 महीनों में छुट्टियां थीं जिसकी वजह से मैन्यूफैक्चरिंग गतिविधियों में गिरावट आई है। हालांकि खबर यह भी आ रही है कि चीनी सरकार अर्थव्यवस्था पर नजर बनाए हुए है और इसे लेकर लगातार कदम उठा रही है। बीते कुछ दिनों में सरकार ने टैक्स में कटौती की है। साथ ही ब्याज दरों में भी कटौती की गई है ताकि सिस्टम में तरलता बरकरार रहे।
मुहैया करवाए जाएंगे 1.1 करोड़ नौकरियों के अवसर
एक वरिष्ठ चीनी अधिकारी ने कहा कि सरकार शहरी क्षेत्र में करीब 1.1 करोड़ नौकरियों के अवसर मुहैया कराने वाली है। इस अधिकारी ने कहा कि वास्तव में हमारा लक्ष्य है कि पिछले साल की तरह ही इस साल भी हम करीब 1.3 करोड़ नौकरियों के अवसर मुहैया कराएं।