GST से Real estate में घटेगा भ्रष्टाचार

Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Aug, 2017 12:07 PM

gst  corruption will reduce in real estate

बिजली, शराब, रियल एस्टेट एवं शिक्षा समेत नए क्रियान्वित अप्रत्यक्ष कर के आधार को विस्तृत करने के लिए वस्तु

नई दिल्ली: बिजली, शराब, रियल एस्टेट एवं शिक्षा समेत नए क्रियान्वित अप्रत्यक्ष कर के आधार को विस्तृत करने के लिए वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) दायरे में लाने की इकोनॉमिक सर्वे में वकालत की गई है। बिजली को जी.एस.टी. के दायरे में लाने से इंडस्ट्री में प्रतिस्पर्धा होगी क्योंकि बिजली पर कर निर्माताओं की लागत में जोड़ा जाता है तथा बतौर इनपुट टैक्स वे क्रैडिट की वापसी का दावा कर सकते हैं। उक्त बातें मुख्य आॢथक सलाहकार अरविंद सुब्रह्मण्यन ने इकोनॉमिक सर्वे जारी करते हुए कही। उन्होंने कहा कि जी.एस.टी. में भूमि एवं रियल एस्टेट तथा शराब को दायरे में लाने से पारदॢशता बढ़ेगी तथा भ्रष्टाचार घटेगा।

खास बात यह है कि सर्वे में सोने पर 3 प्रतिशत जी.एस.टी. की दर को कम बताया गया है। सर्वे में कहा गया है कि सोने का इस्तेमाल सम्पन्न वर्ग करता है इसलिए इसे बढ़ाना उचित रहेगा।  सर्वे में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को जी.एस.टी. के पूर्णत: बाहर करने के निर्णय की आलोचना करते हुए परोक्ष रूप से इसे कर के दायरे में लाने की वकालत की गई है। इसमें कहा गया है कि शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का इस्तेमाल सम्पन्न वर्ग आम तौर पर अधिक करता है इसलिए इसे जी.एस.टी. से बाहर रखना तर्कसंगत नहीं है। सर्वे में कहा गया है कि जी.एस.टी. लागू होने के शुरूआती फायदे नजर आने लगे हैं। सर्वेक्षण कहता है कि जून व जुलाई में कर आधार के विस्तार के पूर्व लक्षण हैं। 6.6 लाख नए करदाता बने हैं जो जी.एस.टी. पंजीकरण से पहले टैक्स के दायरे से बाहर थे। सर्वेक्षण कहता है कि पूर्व आकलन परिणाम के तौर पर टैक्स आधार में बड़ी वृद्धि को इंगित करता है।

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