GST प्राधिकरण ने HUL को पाया गया 383 करोड़ रुपए की मुनाफाखोरी का दोषी

Edited By Isha,Updated: 25 Dec, 2018 10:13 AM

gst authorizes hul to be found guilty of profits of rs 383 crores

माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के मुनाफाखोरी रोधक प्राधिकरण ने हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल) को 383 करोड़ रुपए की कर कटौती का फायदा उपभोक्ताओं को नहीं देने का दोषी पाया है। राष्ट्रीय मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकरण के समक्ष दर्ज शिकायत में कहा गया कि कई सारे...

नई दिल्लीः माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के मुनाफाखोरी रोधक प्राधिकरण ने हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल) को 383 करोड़ रुपए की कर कटौती का फायदा उपभोक्ताओं को नहीं देने का दोषी पाया है। राष्ट्रीय मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकरण के समक्ष दर्ज शिकायत में कहा गया कि कई सारे उत्पादों पर जीएसटी की दर 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दी गयी हैं लेकिन हिंदुस्तान यूनिलीवर ने अपने उत्पादों के अधिकतम खुदरा मूल्य में कटौती नहीं की। प्राधिकरण ने आदेश देते हुए कहा कि हिंदुस्तान यूनिलीवर ने 383.35 करोड़ रुपए की कर कटौती का फायदा उपभोक्ताओं को नहीं दिया है।

जीएसटी नियमों के अनुसार, कंपनी को 50 प्रतिशत राशि यानी 191.68 करोड़ रुपए केंद्रीय उपभोक्ता कोष में जमा करना होगा। शेष राशि कंपनी को उन राज्यों के उपभोक्ता कोष में जमा करानी होगी, जहां कंपनी ने उत्पादों की बिक्री की थी। प्राधिकरण ने कहा कि चूंकि कंपनी पहले ही केंद्रीय कोष में 160.23 करोड़ रुपए जमा करा चुकी है, अत: उसे केंद्रीय कोष में शेष 31.45 करोड़ रुपए और राज्यों के कोष में 191.68 करोड़ रुपए जमा करने का निर्देश दिया जाता है।’’

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