मार्च 2019 में रिकॉर्ड GST कलेक्शन, 1.06 लाख करोड़ रुपए से मिला राजस्व

Edited By jyoti choudhary,Updated: 01 Apr, 2019 03:07 PM

gst collection records rs 1 06 lakh cr in march

वित्त वर्ष 2018-19 में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत औसत मासिक राजस्व संग्रह बढ़कर 98,114 करोड़ रुपए पर पहुंच गया जो वित्त वर्ष 2017-18 की तुलना में 9.2 प्रतिशत अधिक है। सरकार द्वारा वित्त वर्ष के दौरान विभिन्न

नई दिल्लीः वित्त वर्ष 2018-19 में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत औसत मासिक राजस्व संग्रह बढ़कर 98,114 करोड़ रुपए पर पहुंच गया जो वित्त वर्ष 2017-18 की तुलना में 9.2 प्रतिशत अधिक है। सरकार द्वारा वित्त वर्ष के दौरान विभिन्न वस्तुओं एवं सेवाओं पर करों की दरों में कमी किए जाने के बावजूद औसत जीएसटी संग्रह में नौ प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि दर्ज की गई है। 

सरकार द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2019 में कुल राजस्व संग्रह 1,06,577 करोड़ रुपए रहा जो जीएसटी व्यवस्था शुरू होने के बाद से अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा है। मार्च 2018 में कुल जीएसटी संग्रह 92,167 करोड़ रुपए रहा था। इस प्रकार इसमें 15.63 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। 

PunjabKesari

वित्त मंत्रालय ने बताया कि मार्च 2019 में 20,353 करोड़ रुपए केंद्रीय जीएसटी, 27,520 करोड़ रुपए राज्य जीएसटी, 50,418 करोड़ रुपए एकीकृत जीएसटी और 8,286 करोड़ रुपए उपकर के रूप में प्राप्त हुए हैं। एकीकृत जीएसटी में 23,521 करोड़ रुपए और उपकर में 891 करोड़ रुपए आयात से प्राप्त हुए हैं। सेटलमेंट के बाद मार्च 2019 में केंद्र सरकार का कुल राजस्व 47,614 करोड़ रुपए और राज्य सरकार का राजस्व 51,209 करोड़ रुपए रहा है। 

PunjabKesari

एकीकृत जीएसटी में से केंद्र को 17,261 करोड़ रुपए और राज्यों को 13,689 करोड़ रुपए स्थायी सेटलमेंट के तौर पर दिए गए। इसके अलावा शेष राशि में से केंद्र को 10 हजार करोड़ रुपए और राज्यों को 10 हजार करोड़ रुपए अस्थायी सेटलमेंट के रूप में दिए गए हैं। फरवरी 2019 के लिए गत 31 मार्च तक कुल 75 लाख 95 हजार जीएसटीआर-3बी फॉर्म भरे गए थे।  
PunjabKesari

 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!