राजकोषीय घाटा पूरा करेगी जीएसटी कलेक्शंन

Edited By Yaspal,Updated: 02 Apr, 2019 06:28 PM

gst collection will fill fiscal deficit

डायरेक्ट टैक्स कलेक्शंन में कमी के कारण वित्त वर्ष 2019 में राजकोषीय टैक्स को घाटा हुआ है। जिसके कराण जीडीपी के 3.4 प्रतिशत तक रोकने का लक्ष्य हाथ से फिसलता दिख रहा था। लेकिन जीएसटी और खर्च में बचत होने से बाल-बाल बचा लि..

नई दिल्ली: डायरेक्ट टैक्स कलेक्शंन में कमी के कारण वित्त वर्ष 2019 में राजकोषीय टैक्स को घाटा हुआ है। जिसके कराण जीडीपी के 3.4 प्रतिशत तक रोकने का लक्ष्य हाथ से फिसलता दिख रहा था। लेकिन जीएसटी और खर्च में बचत होने से बाल-बाल बचा लिया है। 

सोमवार को सरकार ने जो आंकड़ा जारी किया है।जिसके मुताबिक मार्च में जीएसटी कलेक्शन 1.07 लाख करोड़ रुपए रहा है। जुलाई 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद सबसे ज्यादा कलेक्शन हुई है। सालाना संग्रह 11.77 लाख करोड़ रुपए रहा है। पहली फरवरी को पेश किए गए अंतरिम बजट में इसका संशोधित अनुमान घटाकर 11.47 लाख करोड़ रुपए कर दिया गया था। सरकार का ने कहा कि कई चीजों पर जीएसटी रेट्स में कमी की गई थी। अगर वैसा नहीं किया गया होता तो जीएसटी कलेक्शन और ज्यादा हो सकता था।' 

ज्यादा कलेक्शन से डायरेक्ट टैक्स में कमी की कुछ भरपाई करने में मदद मिलेगी। डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 11.5 लाख करोड़ रुपए के बजटीय अनुमान के आसपास रह सकता है। इसमें मार्च के अंत में प्राय: अपनाई जाने वाली टैक्टिक्स से मदद मिलेगी, जिसके तहत टैक्स अधिकारियों ने सरकारी बैंकों से कहा था कि वे अप्रैल के बजाय मार्च में ही टीडीएस जमा करें। 

डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स, दोनों मोर्चो के अंत में कलेक्शन बढ़ने से वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने भरोसा जताया कि राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 3.4 प्रतिशत पर रोकने का लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा। फरवरी के अंत में राजकोषीय घाटा पूरे वित्त वर्ष 2019 के लिए इसके टारगेट से 34.2 प्रतिशत बढ़ गया था। इससे लगा था कि इसे जीडीपी के 3.4 प्रतिशत तक नहीं रोका जा सकेगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जीएसटी कलेक्शंस में बढ़ोतरी से मैन्युफैक्चरिंग और कंजम्पशन की ग्रोथ का पता चल रहा है। उन्होंने कहा है कि मार्च 2019 में जीएसटी कलेक्शन रेकॉर्ड 106577 करोड़ रुपए होने से मैन्युफैक्चरिंग और कंजम्पशन से ग्रोथ का संकेत मिल रहा है। 

वित्त वर्ष 2019 के दौरान जीएसटी रेवेन्यू का महीनावार ऐवरेज 98114 करोड़ रुपए था, जो वित्त वर्ष 2018 के लेवल से 9.2 प्रतिशत ज्यादा था। कस्टम्स और सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी सहित टोटल इनडायरेक्ट कलेक्शन का टारगेट 10.32 लाख करोड़ रुपए का था और यह हासिल हो गया है। वित्त वर्ष 2019 की आखिरी तिमाही के लिए जीएसटी कलेक्शन सालभर पहले से 14.3 प्रतिशत ज्यादा रहा।

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