खुशखबरी! घर खरीदारों को बड़ी राहत, GST काउंसिल ने मंजूर किए नए नियम

Edited By jyoti choudhary,Updated: 19 Mar, 2019 02:49 PM

gst council approves transition plan for new tax rates for real estate sector

गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) काउंसिल की 34वीं बैठक में घर खरीदने वालों को बड़ा तोहफा मिला है। सूत्रों के मुताबिक जीएसटी काउंसिल की बैठक में 1 अप्रैल से अंडर कंस्ट्रक्शन पर 5 फीसदी जीएसटी लागू होगा।

नई दिल्लीः गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) काउंसिल की 34वीं बैठक में घर खरीदने वालों को बड़ा तोहफा मिला है। सूत्रों के मुताबिक जीएसटी काउंसिल की बैठक में 1 अप्रैल से अंडर कंस्ट्रक्शन पर 5 फीसदी जीएसटी लागू होगा। अंडर कंस्ट्रक्शन पर बिना ITC (इनपुट टैक्स क्रेडिट) के 5 फीसदी जीएसटी लागू होगा। जीएसटी काउंसिल ने नए रियल प्रोजेक्ट पर 1 अप्रैल से 5 फीसदी जीएसटी लगेगा। मौजूदा प्रोजेक्ट में इस बात की छूट रहेगी कि वो मौजूदा GST रेट दें और ITC लें या फिर नया GST चुकाएं लेकिन उस सूरत में ITC नहीं मिलेगा।

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1 अप्रैल से नए नियम लागू
काउंसिल की 24 फरवरी की बैठक में अंडर कंस्ट्रक्शन फ्लैट और सस्ते घरों पर जीएसटी रेट को घटाकर क्रमश: 5 फीसदी और 1 फीसदी कर दिया था। इसकी नई दरें एक अप्रैल से प्रभावी होंगी। अभी अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी या रेडी-टू-मूव फ्लैट (जहां बिक्री के समय कम्प्लीशन सर्टिफिकेट जारी नहीं किया जाता है) के भुगतान पर इनपुट टैक्स क्रेडिट के साथ 12% जीएसटी लगता है. सस्ते मकानों पर जीएसटी की दर 8% है.

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क्या होता है ITC (इनपुट टैक्स क्रेडिट)
अगर आसान शब्दों में समझें तो जान लीजिए 100 रुपये का कच्चा माल बिस्किट बनाने के लिए कारोबारी खरीदने गया। इस पर कच्चा माल सप्लाई करने वाले ने 12 फीसदी टैक्स चुकाया तो निर्माता को कच्चे माल के लिए 112 रुपए देने पड़े लेकिन ये 12 रुपए जो टैक्स भरा गया वो लागत से अलग होगा। अब इस कच्चे माल से निर्माता ने बिस्किट बनाया और उस पर अपना मार्जिन रखा 8 रुपए। इसके बाद निर्माता बिस्किट को थोक विक्रेता को बेचेगा।

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निर्माता को 18 फीसदी जीएसटी लगेगा, 108 रुपए पर 19 रुपए 44 पैसे तो थोक विक्रेता को देने पड़ेंगे 127 रुपए 44 पैसे। अब तक चुकाए गए टैक्स के ऊपर टैक्स लगता था यानी जो टैक्स भरा वो लागत बन जाती थी लेकिन जीएसटी में लागत 100 रुपए ही रहेगी।

थोक विक्रेता ने निर्माता को जो 19 रुपए 44 पैसे चुकाए उसमें से 12 रुपए कम कर घट जाएंगे जो निर्माता ने 100 रुपए के साथ कच्चा माल खरीदने वक्त दिए थे और सरकार को जीएसटी चुकाना पड़ेगा सिर्फ 7 रुपए 44 पैसे, यहां जो 12 रुपए बिस्किट बनाने वाले को बचे वही इनपुट टैक्स क्रेडिट है। जीएसटी में इनपुट टैक्स क्रेडिट की व्यवस्था का फायदा तभी मिल सकता है जब सभी ने यानी कच्चा माल मुहैया कराने वाले से लेकर बनाने वाले और ग्राहक को माल बेचने वाले ने रजिस्ट्रेशन करा रखा हो।

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