Edited By ,Updated: 04 Nov, 2016 05:49 PM
जी.एस.टी. काऊंसिल की मीटिंग के दूसरे दिन शुक्रवार को डुअल कंटोल पर फैसला नहीं हो सका। जी.एस.टी. काऊंसिल की मीटिंग के बाद वित्त मंत्री अरुण जेतली ने बताया कि डुअल कंट्रोल एक अहम मुद्दा है।
नई दिल्लीः जी.एस.टी. काऊंसिल की मीटिंग के दूसरे दिन शुक्रवार को डुअल कंटोल पर फैसला नहीं हो सका। जी.एस.टी. काऊंसिल की मीटिंग के बाद वित्त मंत्री अरुण जेतली ने बताया कि डुअल कंट्रोल एक अहम मुद्दा है। इस पर कोई फैसला नहीं हुआ। इस मुद्दे पर काऊंसिल की 24-25 नवंबर को दोबारा मीटिंग होगी। इस मुद्दे पर 20 नवंबर को मिनिस्टर्स की इनफॉर्मल मीटिंग होगी। काऊंसिल की 9-10 नवंबर को होने वाली बैठक रद्द हो गई। जी.एस.टी. काऊंसिल ने गुरुवार को 4 टियर जी.एस.टी. रेट 5, 12, 18 और 28 फीसदी रेट तय किए हैं।
जेतली ने काऊंसिल की मीटिंग के बाद बताया कि डुअल कंट्रोल एक अहम मुद्दा है। जेतली ने कहा, 'एक टैक्स सिस्टम पर डुअल कंट्रोल मुमकिन नहीं है। अबतक 10 अहम मुद्दों को सुलझाए गए और उन पर फैसले किए गए।' वित्त मंत्री ने कहा, ‘’20 नवंबर को मिनिस्टर की इनफॉर्मल मीटिंग होगी। इसके बाद 24-25 नवंबर को काउंसिल की फॉर्मल मीटिंग होगी।’’
जेतली ने कहा, ‘एक सुझाव यह आया है कि टैक्सपेयर्स के बेस को केंद्र और राज्य के बीच डिवाइड कर लिया जाए। इसमें टर्नओवर की थ्रेसहोल्ड लिमिट 1.5 करोड़ रुपए रखी जाए।’’
‘‘एकबार सॉफ्टवेयर आधारित टैक्स असेसमेंट लागू हो जाएगा तो इससे इंडस्ट्री और टैक्सपेयर्स दोनों को बड़ी मदद मिलेगी।’’
‘एक सुझाव टैक्यपेयर्स के बेस को बिना थ्रेसहोल्ड लिमिट के वर्टिकली डिवाइड कर दिया जाए।’’