Edited By Supreet Kaur,Updated: 22 Jun, 2018 12:50 PM
एफएमसीजी क्षेत्र की बड़ी कंपनी डॉबर ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पेश किए जाने के पहले स्टॉक में पड़े पूंजीगत सामान से संबंधित इनपुट टैक्स क्रेडिट देने से इनकार करने के मामले में न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। डाबर ने उत्तराखंड हाई कोर्ट की नैनीताल...
बिजनेस डेस्कः एफएमसीजी क्षेत्र की बड़ी कंपनी डॉबर ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पेश किए जाने के पहले स्टॉक में पड़े पूंजीगत सामान से संबंधित इनपुट टैक्स क्रेडिट देने से इनकार करने के मामले में न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। डाबर ने उत्तराखंड हाई कोर्ट की नैनीताल बेंच में रिट पिटीशन दाखिल की है।
GST लागू होने के पहले स्टॉक का मामला
पहले के कर के वक्त में पूंजीगत वस्तुओं का उत्पादन राज्यों में होता था, जिन पर क्षेत्र आधारित छूट मिलती थी और इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं दिया जाता था। बहरहाल अब ये सामान जीएसटी के तहत कर देयता की श्रेणी में आ गए हैं। पूंजीगत वस्तुएं, 1 जुलाई 2017 के पहले लाई गईं, लेकिन इनकी बिक्री जीएसटी लागू होने के बाद की गई है, वे भी इनपुट टैक्स क्रेडिट के दायरे में नहीं हैं। पिछली टैक्स व्यवस्था में कुछ राज्यों के पिछड़े इलाकों में निवेश करने वाले मैन्युफैक्चरर्स को राज्य सरकारों और कभी-कभी केंद्र सरकार से भी इनडायरेक्ट टैक्स में रियायतें मिलती थीं। इसका मकसद इन इलाकों में निवेश को बढ़ावा देने का था।
2 अगस्त को होगी अगली सुनवाई
न्यायालय ने मुख्य याची का पक्ष सुना है और सुनवाई 2 अगस्त तक के लिए टाल दी है। बड़ी एफएमसीजी कंपनियों को अभी इस मसले पर अपना पक्ष रखना है। पहले की कर व्यवस्था में उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और सिक्किम जैसे कुछ राज्यों में 10 साल के लिए उत्पाद कर से छूट दी गई थी। लेकिन अब जीएसटी का भुगतान करना होगा, लेकिन संबंधित कंपनियों को सीजीएसटी का 58 प्रतिशत और आईजीएसटी का 29 प्रतिशत रिफंड मिलेगा।