Edited By ,Updated: 02 May, 2017 11:06 AM
राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने आज कहा कि वस्तु एवं सेवाकर (जी.एस.टी.) से करदाताओं पर अनुपालन बोझ नहीं बढ़ेगा और इस संबंध में जताई जा रही सभी आशंकाएं निराधार हैं।
नई दिल्लीः राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने आज कहा कि वस्तु एवं सेवाकर (जी.एस.टी.) से करदाताओं पर अनुपालन बोझ नहीं बढ़ेगा और इस संबंध में जताई जा रही सभी आशंकाएं निराधार हैं। फेसबुक पर लोगों को संबोधित करते हुए अधिया ने कहा, ‘‘कई लोगों का मानना है कि जी.एस.टी. लागू करने से अनुपालन लागत बढ़ेगी। यह पूर्णतया निराधार है।’’
उन्होंने इसकी तार्किकता को समझाया कि मौजूदा कर व्यवस्था में किसी को रिटर्न दाखिल करने के लिए विभिन्न कर जैसे कि वैट, उत्पादन शुल्क इत्यादि के लिए कई तरह की विधि पुस्तिकाएं रखनी पड़ती हैं लेकिन जी.एस.टी. के लागू होने के बाद एक ही कर होगा और इसका खाता प्रबंधन भी आसान होगा। अधिया ने कहा कि खाते का प्रबंधन जी.एस.टी. नैटवर्क द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली एक ऑफलाइन एक्सेल शीट के माध्यम से पूरा किया जा सकेगा। यदि कोई व्यक्ति इस फॉर्म का इस्तेमाल खरीद और बिक्री का रिकॉर्ड रखने के लिए करता है तो वह इसका उपयोग रिटर्न दाखिल करने के दौरान कर सकता है। इस प्रकार अनुपालन का बोझ कम से कम होगा। अधिया ने कहा कि सरकार जी.एस.टी. लागू करने की तैयारी में है। अधिकारियों का 5 दिन का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। सरकार 1 जुलाई से जी.एस.टी. लागू करना चहती है।