Edited By jyoti choudhary,Updated: 09 Jun, 2018 12:59 PM
राजस्व विभाग ने उन कंपनियों को नोटिस भेजना शुरू कर दिया है, जिन्होंने जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) द्वारा दिखाए गए क्रेडिट दावे की तुलना में बिक्री रिटर्न दाखिल करने के दौरान कम आईजीएसटी इनपुट कर क्रेडिट (आईजीएसटी रिफंड) का दावा किया है।
बिजनेस डेस्कः राजस्व विभाग ने उन कंपनियों को नोटिस भेजना शुरू कर दिया है, जिन्होंने जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) द्वारा दिखाए गए क्रेडिट दावे की तुलना में बिक्री रिटर्न दाखिल करने के दौरान कम आईजीएसटी इनपुट कर क्रेडिट (आईजीएसटी रिफंड) का दावा किया है। अधिकारियों के मुताबिक इस कवायद का मकसद यह पता लगाना है कि रिफंड दावे की यह विसंगति कारोबारियों द्वारा हुई भूल के कारण हुई है या इसके पीछे कर चोरी की मंशा है।
बिग डाटा एनालिसिस का किया प्रयोग
नोटिस भेजे जाने से पहले राजस्व विभाग ने बिग डाटा एनालिसिस का प्रयोग किया था। इसके बाद विभाग ने वैसे डीलरों और कारोबारियों की एक सूची तैयार की है, जिन्होंने जीएसटीआर-2ए में प्रदर्शित आईजीएसटी की तुलना में अपने समरी रिटर्न जीएसटीआर-3बी में कम आईजीएसटी रिफंड का दावा किया है।
इन शहरों में भेजे गए नोटिस
अधिकारियों ने कहा कि इस तरह के नोटिस मुंबई, चेन्नई और बंगलूरू में अनेक कारोबारियों को भेजे गए हैं। नोटिस के मुताबिक जीएसटी अधिकारियों ने कारोबारियों को विसंगतियों की ओर ध्यान दिलाया है और करदाताओं से अगले महीने के रिटर्न में इनपुट क्रेडिट या रिफंड का दावा करने के लिए कहा है।
जीएसटी परिषद ने दिया था आदेश
एनालिटिक्स की कवायद जुलाई और मार्च के बीच (जीएसटी लागू होने के बाद पहले नौ महीने) के आंकड़े के आधार पर की गई थी। जीएसटी परिषद ने मार्च में अधिकारियों को आदेश दिया था कि वे और अधिक विश्लेषण कर कर चोरी का सुराग खोजें और जरूरी कार्रवाई शुरू करें।