GST से प्रभावित नहीं होगा घरेलू कपड़ा कारोबार

Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Jun, 2017 06:44 PM

gst will not be affected by domestic textile business

देश भर में एक जुलाई से लागू होने वाले वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) में इनपुट टैक्स क्रैडिट का प्रावधान

नई दिल्ली: देश भर में एक जुलाई से लागू होने वाले वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) में इनपुट टैक्स क्रैडिट का प्रावधान होने के कारण इससे घरेलू कपड़ा कारोबार के प्रभावित होने की आशंका नहीं है। जी.एस.टी. के विरोध में कपड़ा व्यापारी 27 से 29 जून तक 3 दिन की हड़ताल पर हैं। उनका तर्क  है कि आजादी के बाद से पहली बार कपड़ों पर कर लगाया जा रहा है। इससे इस उद्योग पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। सरकार ने जी.एस.टी. में एक हजार रुपए तक के कपड़ों पर कर की दर 5 प्रतिशत तथा इससे महंगे कपड़ों पर 12 प्रतिशत तय की है।

सिर्फ विदेशी बहुराष्ट्रीय कंपनियों को होगा नुक्सान
वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने घरेलू कपड़ा उद्योग को जी.एस.टी. से नुक्सान होने की बात को खारिज करते हुए कहा कि इससे सिर्फ  विदेशी बहुराष्ट्रीय कंपनियों को नुक्सान होगा क्योंकि अब उन्हें भी कर चुकाना होगा। उन्होंने कहा कि भले ही पहले कपड़ों पर कर नहीं लगाया जा रहा था लेकिन धागों पर 12.5 प्रतिशत की दर से कर लगाया जा रहा था जो कपड़ों की कीमत में शामिल था। इस प्रकार जी.एस.टी. लागू होने पर वास्तव में कपड़ों पर कर कम होगा।

कुटीर एवं छोटे कपड़ा उद्योगों पर कोई प्रभाव नहीं 
अधिकारी ने बताया कि जी.एस.टी. आने से कुटीर एवं छोटे कपड़ा उद्योगों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। वास्तविक नुक्सान विदेशी बहुराष्ट्रीय कंपनियों को होगा क्योंकि उनका कपड़ा विदेशों में तैयार होने से उन्हें देश में कोई कर नहीं देना होता था लेकिन अब उन्हें अपने उत्पाद बेचने के लिए यहां कर देना होगा। उन्होंने कहा कि कपड़ा व्यापारियों के आंदोलन के पीछे इन्हीं बहुराष्ट्रीय कंपनियों का हाथ है। 

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