Edited By rajesh kumar,Updated: 25 Aug, 2020 12:54 PM
अर्थशास्त्रियों और डाक्टरों के सार्वजनिक स्वास्थ्य समूहों ने जीएसटी परिषद से आग्रह किया है कि सभी तंबाकू उत्पादों पर क्षतिपूर्ति उपकर बढ़ाया जाना चाहिये। इससे 49,740 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर राजस्व जुटाने में मदद मिलेगी।
नई दिल्ली: अर्थशास्त्रियों और डाक्टरों के सार्वजनिक स्वास्थ्य समूहों ने जीएसटी परिषद से आग्रह किया है कि सभी तंबाकू उत्पादों पर क्षतिपूर्ति उपकर बढ़ाया जाना चाहिये। इससे 49,740 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर राजस्व जुटाने में मदद मिलेगी।
उनका कहना है कि इस प्रकार मिलने वाले राजस्व से कोविड- 19 महामारी के दौरान राज्यों की बढ़ती राजस्व जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा और केन्द्र पर राज्यों के इस मद में रहे बकाये का भी निपटारा हो सकेगा। क्षतिपूर्ति उपकर जीएसटी व्यवस्था का हिस्सा है। इससे विनिर्माण करने वाले राज्यों को कर राजस्व में होने वाले नुकसान की भरपाई की जाती है।
अर्थशास्त्रियों और डाक्टरों सहित विभिन्न स्वास्थ्य समूहों ने जीएसटी परिषद से अपील की है कि वह अपनी आगामी बैठक में बीड़ी पर भी क्षतिपूर्ति उपकर लागू करे। इसके साथ ही सिगरेट पर मौजूदा क्षतिपूर्ति उपकर में वृद्धि करे और धुंआ रहित तंबाकू उत्पादों पर भी इसकी दर बढ़ाये।
अर्थशासत्री और स्वास्थ्य नीति विश्लेषक रिजो जॉन का कहना है कि कोविड- 19 भारत द्वारा अब तक महसूस किये गये आर्थिक झटकों में सबसे बड़ा झटका है। उन्होंने कहा कि इस महामारी की वजह से केन्द्र और राज्य दोनों की राजस्व प्राप्ति पर बुरा असर पड़ा है। इसके कारण केन्द्र सरकार विभिन्न राज्यों को उनकी राजस्व भरपाई के लिये क्षतिपूर्ति उपकर वितरित नहीं कर पा रही है।