UC एप मामले में 18 अगस्त को होगी सुनवाई, फर्जी खबर देख कर कर्मी ने जताई थी आपत्ति

Edited By jyoti choudhary,Updated: 11 Aug, 2020 06:07 PM

hearing in uc app case will be held on august 18

मंगलवार को गुरुग्राम कोर्ट में यूसी वेब की प्रॉपर्टीज पर स्टे-ऑर्डर को लेकर सुनवाई हुई। इसमें अलीबाबा और यूसी वेब के वकीलों के द्वारा पेश किए गए वकालतनामे की विश्वसनीयता पर ही सवाल खड़े हो गए लेकिन ये सुनवाई अब

गुरुग्राम: मंगलवार को गुरुग्राम कोर्ट में यूसी वेब की प्रॉपर्टीज पर स्टे-ऑर्डर को लेकर सुनवाई हुई। इसमें अलीबाबा और यूसी वेब के वकीलों के द्वारा पेश किए गए वकालतनामे की विश्वसनीयता पर ही सवाल खड़े हो गए लेकिन ये सुनवाई अब 18 अगस्त को होगी क्योंकि अलीबाबा और यूसी वेब के खिलाफ अर्जी लगाने वाले पुष्पेंद्र परमार के वकील अतुल अहलावत ने यूसी के वकीलों द्वारा कोर्ट में सब्मिट किए गए वकालतनामे की विश्वसनीयता पर सवाल उठा दिया है।

सुनवाई के दौरान अभियोगी के वकीलों ने कोर्ट का ध्यान इस ओर दिलाया कि यूसी के वकीलों ने जो वकालतनामा कोर्ट में लगाया है, वो सही नहीं है। उस पर किसी एक व्यक्ति के सिर्फ हस्ताक्षर हैं, लेकिन इसके साथ बोर्ड रेजोल्यूशन लगाया ही नहीं गया, जो कि इस बात का सबूत होता है कि कंपनी ने किसी व्यक्ति को कोर्ट में वकालतनामे पर हस्ताक्षर करने के लिए और उसका पक्ष रखने का अधिकार दिया है। इसके अलावा, वकालतनामे पर न तो साइन करने वाले का पता था, न ही उसका कोई संपर्क नंबर और न ही पिता इत्यादि का नाम था, जो कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा वकालतनामे के लिए तय की गई गाइडलाइंस के मुताबिक नहीं था। इसके बिना यूसी के वकील कोर्ट में उनका पक्ष रख ही नहीं सकते।

18 अगस्त को होगी अगली सुनवाई
वकालतनामे के सही और गलत को लेकर दोनों पक्षों के वकीलों में काफी तीखी बहस हुई। कोर्ट ने भी यूसी के वकीलों से पूछा कि बोर्ड रेजोल्यूशन और सभी पक्षों के वकालतनामे क्यों नहीं हैं? बचाव पक्ष के वकील ने जवाब दिया कि ज्यादातर अभियुक्त चीन के नागरिक हैं और चीन में रहते हैं। ऐसे में वकालतनामे से जुड़ी औपचारिकताओं को सही ढंग से पूरी करने में दिक्कत आ रही है। कोर्ट ने उनको कुछ दिन का और वक्त दिया और अगली तारीख पर बोर्ड रेजोल्यूशन और सही वकालतनामे को कोर्ट में जमा करने को कहा। केस की अगली सुनवाई अब 18 अगस्त को होगी।

इससे पहले कोर्ट ने यूसी वेब के एक पूर्व कर्मचारी पुष्पेंद्र परमार की अर्जी पर अलीबाबा के संस्थापक जैक मा को समन किया था। पुष्पेंद्र परमार ने अपनी अर्जी में कहा है कि जैक मा की कंपनी यूसी वेब भारत में अस्थिरता पैदा करने के लिए फेक न्यूज दिखाती आ रही थी। यूसी वेब के गुरुग्राम के दफ्तर में एसोसिएट डायरेक्टर के पद पर 2017 तक रहे पुष्पेंद्र सिंह परमार ने आरोप लगाया है कि जैक मा की कंपनी यूसी वेब भारत में फेक न्यूज फैला रही थी और इसका विरोध करने पर उसको नौकरी से निकाल दिया गया।

पुष्पेंद्र ने कुछ खबरों का हवाला देते हुए आरोप लगाया है कि 2017 में UC वेब पर खबर थी कि आधी रात से 2000 रुपए के नोट भारत में बंद हो जाएंगे। एक बार ऐसी खबर चलाई गई कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध छिड़ गया है। यूसी वेब और यूसी ब्राउजर जैक मा की ही कंपनी है।
 

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