Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Jan, 2018 02:48 AM
नोटबंदी से मचे हाहाकार के बाद भी देशभर में पुराने नोटों को जिन लोगों ने उस दौरान छिपा रखा था, वह पुराने नोट अब भी लगातार बाहर निकल रहे हैं। लोगों ने इस आस में नोटबंदी के दौरान पैसे छिपा रखे थे कि शायद सरकार अपना फैसला बदल देगी और उसका पैसा पानी होने...
मुंबई: नोटबंदी से मचे हाहाकार के बाद भी देशभर में पुराने नोटों को जिन लोगों ने उस दौरान छिपा रखा था, वह पुराने नोट अब भी लगातार बाहर निकल रहे हैं।
लोगों ने इस आस में नोटबंदी के दौरान पैसे छिपा रखे थे कि शायद सरकार अपना फैसला बदल देगी और उसका पैसा पानी होने से बच जाएगा। ऐसा कुछ नहीं हुआ तो लोग अब औने-पौने दाम में भी पुराने नोटों को बदलने के लिए तैयार दिख रहे हैं। इन दिनों एक लाख रुपए के पुराने नोट के बदले तीन हजार रुपए पाने के लिए भी लोग लालायित दिख रहे हैं। फिलहाल पुराने नोटों का बाजार में यही भाव मिल रहा है।
बात दें कि 500 और 1000 रुपए की नोटबंदी के पीछे सरकार का मकसद भ्रष्टाचार, आतंकवादी फंडिंग, नकली नोट पर नकेल कसना था। हालांकि सरकार अपने मंसूबों में अब तक कामयाब नहीं हुई है। अभी भी जिन लोगों ने नोटबंदी के दौरान 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों को बाहर नहीं निकाला था वे अब धीरे-धीरे बाहर निकालने लगे हैं। हालांकि पुराने नोटों के एवज में उन्हें औने-पौने दाम ही मिल रहे हैं। मार्कीट में इन दिनों पुराने नोटों के बहुत ही कम दाम मिल रहे हैं। नोटों को बदलने वाले एक बार में 50 हजार से 1 लाख रुपए तक ही पुराने नोट बदल रहे हैं। हालांकि पुराने नोट को बदलने वाले उन नोटों का क्या कर रहे हैं? इस पर कोई खुलकर कुछ कहने को तैयार नहीं है।