Edited By jyoti choudhary,Updated: 29 Dec, 2018 07:12 PM
उत्तराखंड हाई कोर्ट ने योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी को मुनाफे का एक हिस्सा स्थानीय किसानों और समुदाय को देने को कहा है। हाई कोर्ट ने उत्तराखंड बायडाइवर्सिटी बोर्ड (UBB) के खिलाफ दिव्य फार्मेसी की याचिका को खारिज करते हुए यह आदेश दिया।
नैनीतालः उत्तराखंड हाई कोर्ट ने योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी को मुनाफे का एक हिस्सा स्थानीय किसानों और समुदाय को देने को कहा है। हाई कोर्ट ने उत्तराखंड बायडाइवर्सिटी बोर्ड (UBB) के खिलाफ दिव्य फार्मेसी की याचिका को खारिज करते हुए यह आदेश दिया। साथ ही बायलॉजिकल डाइवर्सिटी ऐक्ट 2002 के तहत उचित और समान प्रॉफिट शेयरिंग के प्रावधानों को बरकरार रखा।
जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच ने 421 करोड़ रुपए के प्रॉफिट से 2 करोड़ रुपए प्रॉडक्ट्स के लिए कच्चा माल उपलब्ध कराने वाले किसानों को देने को कहा है। इससे पहले UBB ने यह रकम किसानों के बीच बांटने का आदेश दिव्य फार्मेसी को दिया था। कंपनी ने इसे अदालत में चुनौती दी थी और कहा था कि UBB के पास ऐसा आदेश देने का ना तो अधिकार है और ना ही कंपनी कोई हिस्सा देने के लिए जवाबदेह है।
कोर्ट ने कहा कि UBB के पास आदेश देने का पूरा अधिकार है, क्योंकि जैविक संसाधन ना केवल राष्ट्रीय संपत्ति है बल्कि यह उत्पादन करने वाले समूह से जुड़ा है।
क्या है बायलॉजिकल डाइवर्सिटी ऐक्ट 2002?
- संसद ने 2002 में यह कानून बनाया था। इसके मुताबिक जंगलों और जैविक संसाधनों के इस्तेमाल के बदले होने वाले कमाई में वहां के स्थानीय लोगों को भी हिस्सेदारी दी जाएगी।
- 2014 में सरकार ने इसे नोटिफाई कर दिया, जिसके मुताबिक सिर्फ जैविक संसाधन ही नहीं बल्कि परंपरागत ज्ञान के इस्तेमाल का फायदा भी लोगों को देना होगा।
- अगर कंपनी का सालाना टर्नओवर 3 करोड़ रुपए से ज्यादा है, तो टर्नओवर से टैक्स हटाकर जितनी रकम हो उसका 0.5 फीसदी वहां के लोगों को देना होगा।