Edited By jyoti choudhary,Updated: 30 Jun, 2021 05:31 PM
मद्रास उच्च न्यायालय ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) की कथित धोखाधड़ी गतिविधियों की जांच की मांग वाली एक जनहित याचिका पर मंगलवार को सेबी को नोटिस जारी करने का आदेश दिया। मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी और न्यायमूर्ति सेंथिलकुमार...
चेन्नईः मद्रास उच्च न्यायालय ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) की कथित धोखाधड़ी गतिविधियों की जांच की मांग वाली एक जनहित याचिका पर मंगलवार को सेबी को नोटिस जारी करने का आदेश दिया। मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी और न्यायमूर्ति सेंथिलकुमार राममूर्ति की पीठ ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) को नोटिस का 13 जुलाई तक जवाब देने को कहा है।
पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता ने इस मामले को ‘देश में पूंजी बाजार में सबसे बड़ा घोटाला' बताया है। अदालत ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता के अनुसार, नियामक, क्रेडिट-रेटिंग एजेंसियों, लेखा परीक्षकों के साथ निवेशकों को 40,000 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हो सकता है। डीएचएफएल के कामकाज को देखने, इसकी गतिविधियों और जमाकर्ताओं से प्राप्त धन के आवगमन की देख रेख करने वालों ने अपना काम सही से नहीं किया।''
इस मामले में मायलापुर के रंगनाथन ने अपनी जनहित याचिका में सेबी को विभिन्न प्रावधानों के तहत कार्रवाई करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है। याचिकाकर्ता ने इसके अलावा डीएचएफएल और उसके प्रमुख प्रबंधकीय कर्मचारी की जांच करने का भी आग्रह किया है।