भारतीयों को US का ग्रीन कार्ड मिलने में लगेंगे 151 सालः रिपोर्ट

Edited By Supreet Kaur,Updated: 16 Jun, 2018 05:26 PM

high degree indians will have to wait 151 years for greencard

एडवांस डिग्री रखने वाले भारतीयों के बीच ग्रीन कार्ड पाने की सबसे ज्यादा होड़ है। लेकिन अमरीका के एक शोध संस्थान का अनुमान है कि एडवांस डिग्री वाले भारतीयों को अमेरिका में ग्रीन कार्ड के लिए 150 साल से अधिक इंतजार करना पड़ेगा। शोध संस्थान केटो...

बिजनेस डेस्कः एडवांस डिग्री रखने वाले भारतीयों के बीच ग्रीन कार्ड पाने की सबसे ज्यादा होड़ है। लेकिन अमरीका के एक शोध संस्थान का अनुमान है कि एडवांस डिग्री वाले  भारतीयों को अमेरिका में ग्रीन कार्ड के लिए 150 साल से अधिक इंतजार करना पड़ेगा। शोध संस्थान केटो इंस्टिट्यूट ने ग्रीन कार्ड के लिए इंतजार की अवधि के बारे में अपनी गणना के आधार पर यह अनुमान व्यक्त किया है। 

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USCIS पर आधारित आंकड़े
यह अनुमान अमेरिका के नागरिकता व आव्रजन सेवा विभाग (यूएससीआईएस) द्वारा हाल ही में जारी आवेदनों की संख्या पर आधारित है। इसमें 2017 में जारी किए गए ग्रीन कार्ड की संख्या को भी ध्यान में रखा गया है। इसके अनुसार 20 अप्रैल, 2018 तक 632,219 भारतीय आव्रजक तथा उनके पति/पत्नी तथा अल्पवयस्क बच्चे ग्रीन कार्ड के इंतजार में थे।

ईबी-2 श्रेणी को करना होगा लंबा इंतजार
केटो इंस्टिट्यूट की रिपोर्ट के अनुसार विभिन्न श्रेणी के कौशल वाले आव्रजकों को ग्रीन कार्ड की प्रतीक्षा अवधि भी अलग अलग है। इसमें सबसे कम प्रतीक्षा अवधि ईबी-वन श्रेणी के आव्रजकों जबकि सबसे अधिक प्रतीक्षा अवधि ईबी-टु श्रेणी के आव्रजकों के लिए है। इसके अनुसार, ‘वीजा जारी किए जाने की मौजूदा गति के हिसाब से उन्हें (ईबी -टु श्रेणी के आव्रजकों को) ग्रीन कार्ड के लिए 151 साल इंतजार करना होगा बशर्ते कि कानून में कोई बदलाव नहीं हो।’

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क्या है ग्रीन कार्ड 
ग्रीन कार्ड धारकों को अमेरिका के वैध स्थायी निवासी का दर्जा मिल जाता है। इसके जरिए कोई भी शख्स वैध तौर पर अमेरिका में रह और काम कर सकता है। यह नागरिकता पाने का पहला कदम है।

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2017 में भारतीयों को जारी हुए 22602 ग्रीन कार्ड
2017 में 22,602 भारतीयों को लीगल परमानेंट रेजिडेंसी कार्ड जारी किया गया था। यूएससीआईएस के आंकड़ों के मुताबिक, इनमें से 13,082 ईबी-1 श्रेणी, 2,879 ईबी-2 श्रेणी के और 6,641 ईबी-3 श्रेणी के थे। काटो इंस्टीट्यूट ने कहा कि ग्रीन कार्ड अलोकेशन बैकलॉग पर आधारित नहीं होता है। इस प्रकार ईबी-2 श्रेणी के 69 फीसदी बैकलॉग में से महज 13 फीसदी को ही 2017 में ग्रीन जारी किया गया था।

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