Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Jan, 2018 11:34 AM
लाखों घर खरीदारों को बिल्डर्स के झांसे से बचाने के लिए मोदी सरकार द्वारा लाए गए रियल एस्टेट रेग्युलेशन एक्ट (रेरा) का असर बिल्कुल नहीं दिख रहा है। रेरा को रियल एस्टेट मार्केट में ट्रांसपेरेंसी के मकसद से लागू किया गया, लेकिन ज्यादातर राज्यों...
नई दिल्लीः लाखों घर खरीदारों को बिल्डर्स के झांसे से बचाने के लिए मोदी सरकार द्वारा लाए गए रियल एस्टेट रेग्युलेशन एक्ट (रेरा) का असर बिल्कुल नहीं दिख रहा है। रेरा को रियल एस्टेट मार्केट में ट्रांसपेरेंसी के मकसद से लागू किया गया, लेकिन ज्यादातर राज्यों में रेरा ढंग से लागू नहीं हो पाया है। यहां तक कि देश के आठ बड़े शहरों में से केवल दो में पूरी ट्रांसपेरेंसी है, बाकी 6 शहरों में ट्रांसपेरेंसी स्कोर न के बराबर है। यह बात रियल एस्टेट कंसलटेंसी फर्म नाइट फ्रेंक, इंडिया के सर्वे में यह ट्रांसपेरेंसी स्कोर जारी किए गए।
15 पैरामीटर की स्टडी
रिपोर्ट में रेरा ट्रांसपेरेंसी स्कोर (मैक्सिमम 15) में मुंबई और पुणे सबसे ऊपर है। मुंबई और पुणे को 15 अंक दिए गए हैं। जबकि दिल्ली, गुरुग्राम, हैदराबाद और कोलकाता में रेरा ट्रांसपेरेंसी स्कोर जीरो है। दूसरे नंबर पर चैन्नई है, जिसे 13 अंक दिए गए हैं, इसके अलावा नोएडा को 11, अहमदाबाद को 10 और बेंगलुरु को 6 अकं दिए गए हैं।
ये हैं पैरामीटर
स्टडी रिपोर्ट में 15 पैरामीटर तैयार किए गए। हर पैरामीटर को एक अंक दिया गया। इसमें प्रोजेक्ट लेवल इंफॉर्मेशन को प्राथमिकता दी गई, जिसके पैरामीटर में प्रोजेक्ट का नाम, प्रोजेक्ट टाइप, लोकेशन, कारपेट एरिया, यूनिट के कुल नंबर, कंफिग्रेशन, नंबर ऑफ बुक फ्लैट, स्टेट्स, कम्पलीशन डेट शामिल हैं। इसके अलावा प्रमोटर (डेवलपर) के बारे में दी गई इंफॉर्मेशन को दूसरा हिस्सा बनाया गया है। इसमें पूछा गया, प्रमोटर नाम, कॉन्टेक्ट इंफॉर्मेशन, पिछले अनुभव के अलावा टाइटिल रिपोर्ट, कोई लीगल रूकावट और प्रोजेक्ट अप्रूवल को पैरामीटर बनाया गया है। इसमें लीगल डिटेल के साथ यह भी जांच की गई कि डॉक्यूमेंट अपलोड किए गए हैं या नहीं।
सभी पैरामीटर में फिसड्डी रहे ये शहर
इन 15 पैरामीटर में से एक भी पैरामीटर पर दिल्ली, गुरुग्राम, हैदराबाद और कोलकात्ता फिसड्डी साबित रहे। दरअसल दिल्ली, केंद्र शासित राज्य होने के कारण केंद्र ने एंटरिम रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी तो बना दी है, लेकिन उससे आगे कोई काम नहीं हुआ है। इसी तरह हरियाणा में रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी तो बन गई है, लेकिन वेबसाइट न होने के कारण ट्रांसपेरेंसी स्कोर जीरो है। पश्चिम बंगाल ने रेरा को लागू करने से इंकार कर दिया है।