Edited By Supreet Kaur,Updated: 14 Dec, 2019 04:19 PM
रियलटी कंपनी जेपी इंफ्राटेक के 22,000 से अधिक घर खरीदारों को अपने अपाटर्मेंट की डिलीवरी प्राप्त करने और कंपनी को दिवालियापन में जाने से बचाने के लिए बोली लगाने वालों-एनबीसीसी और सुरक्षा रियलिटी दोनों के लिए मतदान की आवश्यकता है।
नई दिल्लीः रियलटी कंपनी जेपी इंफ्राटेक के 22,000 से अधिक घर खरीदारों को अपने अपाटर्मेंट की डिलीवरी प्राप्त करने और कंपनी को दिवालियापन में जाने से बचाने के लिए बोली लगाने वालों-एनबीसीसी और सुरक्षा रियलिटी दोनों के लिए मतदान की आवश्यकता है। रियलटी क्षेत्र के विश्लेषकों के अनुसार किसी रिज़ॉल्यूशन की संभावना तभी अधिक होगी जब खरीदार दोनों बोली लगाने वालों का चयन करें। किसी एक के पक्ष में मतदान करने से कंपनी के दिवालिया होने की संभावना बढ़ जाएगी।
यदि खरीदार एक योजना के लिए मतदान करते हैं और बैंकर दूसरे के लिए मतदान करते हैं तो कॉर्पोरेट इन्सॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस निश्चित रूप से दिवालियापन के लिए जाएगा। क्योंकि बैंकर अब तक मतदान नहीं किये हैं। मतदान प्रक्रिया में अब मात्र दो दिन बचे हैं। यदि दिवालियापन में जेजी इंफ्राटेक चली जाती है तो इससे सबसे अधिक नुकसान घर खरीदारों को होगा क्योंकि वे असुरक्षित निवेशक की श्रेणी में है।
सूत्रों के अनुसार, बैंकर सुरक्षा रियलिटी के पक्ष में हैं। इस तरह से खरीदारों और बैंकरों के बीच मतदान का विभाजन होगा और किसी को भी 66 फीसदी मत प्राप्त नहीं होगा। एनबीसीसी और सुरक्षा रियलिटी दोनों ने पिछले सप्ताह अपनी बोलियों को संशोधित किया था। मूल्यांकन मैट्रिक्स के अनुसार, एनबीसीसी की पेशकश का सकल मूल्य 5,802 करोड़ रुपए है, जबकि सुरक्षा रियल्टी का 6,440 करोड़ रुपए है। घर खरीदारों के पास, जेपी इंफ्राटेक के लेनदारों के पैनल में, लगभग 58 फीसदी मतदान हिस्सेदारी है, जबकि शेष 42 फीसदी शेयर कुल 13 बैंकरों के पास है। किसी भी योजना की मंजूरी के लिए, कम से कम 66 फीसदी मत की आवश्यकता है। 10 दिसंबर से शुरू हुआ मतदान 16 दिसंबर तक चलेगा।