Edited By jyoti choudhary,Updated: 04 Jun, 2019 12:41 PM
पब्लिक सेक्टर के बैंकों के हालात सुधारने और प्रॉम्प्ट करेक्टिव ऐक्शन (PCA) फ्रेमवर्क से बाहर निकालने के लिए सरकार उन्हें इस वित्त वर्ष में 40 हजार करोड़ रुपए दे सकती है। इसका ऐलान 5 जुलाई को पेश किए जाने वाले बजट में हो सकता है।
नई दिल्लीः पब्लिक सेक्टर के बैंकों के हालात सुधारने और प्रॉम्प्ट करेक्टिव ऐक्शन (PCA) फ्रेमवर्क से बाहर निकालने के लिए सरकार उन्हें इस वित्त वर्ष में 40 हजार करोड़ रुपए दे सकती है। इसका ऐलान 5 जुलाई को पेश किए जाने वाले बजट में हो सकता है।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सरकार लोन ग्रोथ बढ़ाने की योजना पर काम कर रही है लेकिन कई कमजोर बैंकों की बैलेंस सीट आड़े आ रही है। बैलेंस शीट कमजोर होने का कारण इन बैंक को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पीएसए फ्रेमवर्क में आ जाते हैं जिससे उनके लोन देने पर पाबंदी लग जाती है। इस स्थिति को बदलने के लिए सरकार ने इन बैंकों को 40 हजार करोड़ रुपए देने का फैसला किया है। इससे बैंकों की बैलेंस शीट में सुधार होगा, साथ ही वह पीसीएम फ्रेमवर्क से बाहर निकलकर लोन देने के काबिल हो जाएंगे।
पिछले साल दिए थे 1.6 लाख करोड़ रुपए
पिछले साल सरकार ने पब्लिक सेक्टर के कई बैंकों को पीसीए फ्रेमवर्क से बाहर निकालने के लिए रिकॉर्ड 1.6 लाख करोड़ रुपए का आवंटन किया था। इस सरकारी मदद से पांच बैंक पीसीए फ्रेमवर्क से बाहर आ गए थे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही के नतीजे आने के बाद ही बैंकों को पूंजी देने पर फैसला होगा।