Edited By jyoti choudhary,Updated: 29 Jun, 2022 01:25 PM
इस्पात उत्पादों पर लगाए गए शुल्क को कुछ समय की बात बताते हुए जेएसडब्ल्यू समूह के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक सज्जन जिंदल ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मुद्रास्फीति में नरमी आने पर सरकार शुल्क वापस ले लेगी। उद्योगपति ने कहा कि मुद्रास्फीति पर काबू पाने...
बिजनेस डेस्कः इस्पात उत्पादों पर लगाए गए शुल्क को कुछ समय की बात बताते हुए जेएसडब्ल्यू समूह के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक सज्जन जिंदल ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मुद्रास्फीति में नरमी आने पर सरकार शुल्क वापस ले लेगी। उद्योगपति ने कहा कि मुद्रास्फीति पर काबू पाने के लिए पिछले महीने ये शुल्क लगाए गए थे। इसके कुछ दिन पहले जिंदल समेत कुछ उद्योगपतियों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की थी।
जिंदल ने एक बयान में कहा, "हमारे विचार से मई 2022 में इस्पात पर लगाया गया निर्यात शुल्क कुछ समय की बात है, इन्हें मुद्रास्फीति को काबू में करने के इरादे के साथ लगाया गया। इस मामले को लेकर हम सरकार के साथ संपर्क में हैं और हमारा मानना है कि मुद्रास्फीति में नरमी आने पर शुल्क वापस ले लिया जाएगा।"
विश्व इस्पात संगठन के चेयरमैन जिंदल ने कहा कि भारत प्रतिस्पर्धी कीमतों वाला इस्पात निर्यातक है और उसके पास वैश्विक इस्पात कारोबार में बड़ी भूमिका अपनाने का अवसर है। उद्योग के आंकड़ों के अनुसार पिछले वित्त वर्ष में इस्पात निर्यात 1.83 करोड़ टन के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया था।