देश में नकली मुद्रा का बाजार गर्म, 8 साल में तेजी से बढ़े मामले

Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Jun, 2017 02:44 PM

hot currency market in the country  hot cases raised in 8 years

देश के बैंकिंग तंत्र में लेनदेन के दौरान नकली मुद्रा पकड़े जाने के मामले पिछले 8 साल में तेजी से बढ़े हैं।

नई दिल्लीः  देश के बैंकिंग तंत्र में लेनदेन के दौरान नकली मुद्रा पकड़े जाने के मामले पिछले 8 साल में तेजी से बढ़े हैं। सरकार की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार इन मामलों की संख्या पिछले आठ साल में 3.53 लाख तक पहुंच गई। एक रिपोर्ट के मुताबिक, नकली मुद्रा रिपोर्टों र्सीसीआरी की संख्या वर्ष 2007-2008 में महज 8,580 थी और वर्ष 2008-2009 में यह बढ़कर 35,730 और वर्ष 2014-15 में बढ़कर 3,53,837 हो गई बै, हालांकि, नकली मुद्रा में कितनी राशि की पकड़ी गई, इसकी जानकारी उजागर नहीं की गई।

क्या है सी.सी.आर
सीसीआर का अर्थ नकली मुद्रा नोट या बैंक नोट का इस्तेमाल आम नोट की तरह करना है। यदि बैंक में नकदी के लेनदेन के दौरान किसी कीमती प्रतिभूति या दस्तावेज से जुड़ी जालसाजी की गई है, तो वह भी सीसीआर के तहत आती है।
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एेसा बड़ा ये आकड़ा
वर्ष 2007-08 में सरकार ने पहली बार यह अनिवार्य किया था कि एफआईयू धन शोधन रोकथाम कानून के तहत इस तरह की रिपोर्टें प्राप्त करेगा। उसके  के बाद से एकत्र किए गए आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2009-10 में 1,27,781 सी.सी.आर. दर्ज हुईं। वर्ष 2010-11 में यह संख्या 2,51,448 और वर्ष 2011-12 में यह 3,27,382 थी। वर्ष 2012-13 में सी.सी.आर. संख्या 3,62,371 रही जबकि वर्ष 2013-14 में ऐसे कुल 3,01,804 मामले एफआईयू के समक्ष आए।

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