वित्तीय बाजारों के जोश में कितना दम, ये एक खुला सवाल: बिड़ला

Edited By jyoti choudhary,Updated: 20 Jan, 2021 05:15 PM

how much power the financial markets have this is an open question km birla

आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा कि यह एक खुला सवाल है कि वित्तीय बाजारों के जोश में कितना दम है और ये तेजी कितनी टिकाऊ है, यह पता करने में अगली तिमाही या थोड़ा और वक्त लगेगा। उन्होंने बीते

नई दिल्लीः आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा कि यह एक खुला सवाल है कि वित्तीय बाजारों के जोश में कितना दम है और ये तेजी कितनी टिकाऊ है, यह पता करने में अगली तिमाही या थोड़ा और वक्त लगेगा। उन्होंने बीते साल के बारे में टिप्पणी करते हुए कहा कि कोरोना वायरस महामारी ने तबाही ला दी है और ‘‘चाहें जीवन हो या व्यवसाय, लोगों तथा कंपनियों को बीमारियों की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए।'' उन्होंने लोगों से ज्ञान, विचारों का भंडार तैयार करने, सहयोग और सद्भावना बढ़ाने का आह्वान किया। 

आने वाले दिनों में घर से काम करने की का चलन बढ़ने के बारे में उन्होंने कहा कि कार्यालय सिर्फ एक जगह नहीं है, जहां लोग काम करने आते हैं, बल्कि यहां लोगों, विचारों और बातचीत को ढाला जाता है। बाजार में उतार-चढ़ाव को बुलबुले की संज्ञा देते हुए उन्होंने कहा कि अनिश्चितता के साथ ही वित्तीय बाजार और अधिक अस्थिर हो गए हैं। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता मांग में कुछ बुनियादी बदलाव हुए हैं लेकिन लगभग सभी क्षेत्रों में सुधार देखने को मिल रहा है। 

बिड़ला ने कहा कि देश में विनिर्माण क्षेत्रों, सीमेंट से लेकर पेंट तक और ऑटोमोटिव से लेकर एल्युमीनियम तक मजबूत सुधार देखा गया है। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, यह एक खुला सवाल है कि वित्तीय बाजारों के जोश में कितना दम है और ये तेजी कितनी टिकाऊ है, यह पता करने में अगली तिमाही या थोड़ा और वक्त लगेगा। मुझे बताया गया है कि अर्थशास्त्रियों ने इसे सतर्क आशावाद की संज्ञा दी है।'' 

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