Edited By Yaspal,Updated: 23 Sep, 2020 11:42 PM
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार से पूछा कि वह कोरोना महामारी के दौरान रद्द हुई उड़ानों के कारण विमान यात्रियों और ट्रेवल एजेंटों को टिकटों के पैसों की वापसी का स्पष्ट तरीका उसे बताये। न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर. सुभाष रेड्डी और...
नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार से पूछा कि वह कोरोना महामारी के दौरान रद्द हुई उड़ानों के कारण विमान यात्रियों और ट्रेवल एजेंटों को टिकटों के पैसों की वापसी का स्पष्ट तरीका उसे बताये। न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर. सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम आर शाह की खंडपीठ ने गैर-सरकारी संगठन प्रवासी लीगल सेल की याचिका की सुनवाई के दौरान कहा कि उसका सरोकार लॉकडाउन के दौरान रद्द उड़ानों के टिकटों के पैसों के रिफंड के सवाल तक है और केंद्र सरकार को नया हलफनामा दायर करके यह बताना चाहिए कि रुपये लौटाने का क्या तरीका हो सकता है?
सुनवाई के दौरान सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने माना कि शीर्ष अदालत के समक्ष केंद्र सरकार द्वारा जमा किया गया मौजूदा हलफनामा ठीक से तैयार नहीं किया गया है। श्री मेहता ने यह भी सलाह दी कि विमानन कंपनियां लॉकडाउन में रद्द टिकटों पर आधार प्रतिशत ब्याज भी चुकाये। हालांकि इस पर विमानन कंपनियों ने पुरजोर विरोध किया।